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2/5/2022

2 मई 2022

33 बार देखा गया 33
हैलो सखी ।
  कैसी हो।पता नही आजकल क्या हो गया है कुछ लिखने बैठती हूं तो निंदिया रानी आकर आंखों पर कब्जा कर लेती है ।और काफी सारे मंचों पर बहुत सी स्पर्धाओं में भाग ले रखा है एक जगह सहलेखन भी चल रहा है ।इधर पाकेट नावल रीडर वाले भी कह रहे है उनके मंच पर लिखने के लिए ।पर अब एक अदना सी लेखिका कहां कहां जाए। कुछ दिनों से तबीयत भी ठीक नही है।एक तो गर्मी इतनी पड़ रही है कि पूछो मत हमे तो ऐसा लगता है जैसे पतीले मे उबल रहे है।जो जो हमारी सखी और हमारी बातें पढ़ रहा है वो बताएं कि क्या पहले जमाने मे भी इतनी ही गर्मी पड़ती थी ।या आज कल के मनुष्यों की सहनशक्ति जवाब दे गयी है। मुझे याद है एक बार मेरा किसी गांव मे जाना हुआ था जब मै छोटी थी हम पूरा परिवार गुरुदेव के दर्शन के लिए गये थे। वहां उस गांव मे बिजली भी बहुत कम रहती थी मुझे याद है हमारा परिवार किसी के घर ठहरा था ।जब मै वहां पर सूत के पलंग पर बिना पंखे के सो गयी मुझे जरा भी गर्मी नही लगी।मै सोचती हूं आजकलं के बच्चे एसी के बगैर नही रहते। मुझे याद है जब हम छोटे थे तो हमारे यहां कूलर भी नही था और ना ही इनवेंटर था जब लाइट नही होती थी तो मेरे पापा एक बोरी को जो सूत की होती थी उसे दरवाजे पर परदे की तरह टांग देते थे फिर एक बाल्टी भर कर पानी की रख लेते थे और उसमे से डिब्बे भर कर बोरी पर छिडकते रहते।सच कह रही हूं उस जैसी ठंडक मुझे आज एसी भी नहीं लगती। हाहाहाहाहा अच्छा सखी देसी एसी की जानकारी देते हुए । अलविदा।
Meenu

Meenu

Bahut khub

11 मई 2022

Astha Singhal

Astha Singhal

बढ़िया लेखन👌👌👌 मेरी पुस्तक अंखियों के झरोखों से को भी पढ़िएगा।

5 मई 2022

भारती

भारती

हाँ बिल्कुल सही कहा आपने पहले इतनी गर्मी नहीं पडती थी

2 मई 2022

Monika Garg

Monika Garg

2 मई 2022

हां हमे भी यही लगता है

आंचल सोनी 'हिया'

आंचल सोनी 'हिया'

बेहतरीन मनोभाव💐🙏

2 मई 2022

Monika Garg

Monika Garg

2 मई 2022

धन्यवाद आंचल जी

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रचनाएँ
दैनिंदनी सखी (मई) 2022
5.0
अब क्या लिखूं सखी तुम्हारे विषय मे। तुम्हारी हमारी मुलाकात तो जगजाहिर है। लेकिन फिर भी गर्मी के मौसम मे हमारे विचारों मे गर्मी ना आये बस यही चाहते है।
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1 /5/2022

1 मई 2022
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हैलो सखी।लो मै फिर आ गयी।आज तो मेरी तुम से मुलाकात शाम को हो रही है ।अब पूछोगी नही कि शाम को क्यों तुम तो सुबह मिलने आती थी। मै बता देती हूं आज काफी समय बाद देहली जाना हुआ वो भी मैट्रो मे ।सच मे अपनी

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2/5/2022

2 मई 2022
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हैलो सखी । कैसी हो।पता नही आजकल क्या हो गया है कुछ लिखने बैठती हूं तो निंदिया रानी आकर आंखों पर कब्जा कर लेती है ।और काफी सारे मंचों पर बहुत सी स्पर्धाओं में भाग ले रखा है एक जगह सहलेखन भी चल रह

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3/5/2022

3 मई 2022
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प्रिय सखी।कैसी हो । आज मन उदास है । हमारी तुम्हारी ये जो वार्तालाप लेखन है उसको शब्द टीम इनाम देकर नवाजती है ।जिसकी पाठक संख्या ज्यादा होगी उसको विजेता घोषित करती है।अब की बार भी हमारी पाठक संख्या ज्य

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5/5/2022

5 मई 2022
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प्रिय सखी, कैसी हो ।मै अच्छी हूं।आजकल थोड़ी बरसात होने से मौसम मे गर्मी से राहत महसूस हो रही है।वरना तो इतनी गर्मी थी कि शरीर से भांप निकलती थी।शब्द टीम से एक उम्मीद तो हम रख ही सकते है कि वो ये

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7/5/2022

7 मई 2022
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प्रिय सखी। कैसी हो। क्या कर रही हो।हम तो खाली बैठे है।अभी मौसम ऐसा हो रहा है कुछ लिखने का मन ही नही कर रहा। शब्द मे पुस्तक लेखन प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था बस उसी किताब का प्रमोशन कर रह

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8/5/2022

8 मई 2022
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प्रिय सखी। कैसी हो। मै अच्छी हूं।वैसे मै इन मान्यताओं को मानती नही हूं लेकिन फिर भी चलन है तो कहती हूं मातृ दिवस की बधाई। मां को हम कब भूलते है जो उनके लिए एक निश्चित दिन तय करे कि आज मदर्स डे ह

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11/5/2022

11 मई 2022
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प्रिय सखी।कैसी हो।मै ठीक हूं। गर्मी का कहर आसमान से बरस रहा है। क्या आदमी क्या जानवर सभी गर्मी के प्रकोप से अछूते नही है।आज मै दोपहर बाद शोप पर आयी हूं क्योंकि गर्मी मे कोई घर से निकलना पसंद नही करता।

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13/5/2022

13 मई 2022
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हैलो सखी। कैसी हो।मै अच्छी हूं।आज तो सुबह ही तुम को याद कर रही हूं। क्यों? हाहाहाहाहा इस लिए की फुर्सत मे बैठी हूं। पतिदेव बाहर गये है। बच्चे स्कूल और मै शोप पर ।आज जल्दी ही आ गयी थी शोप पर । क्

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16/5/2022

16 मई 2022
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प्रिय सखी। कैसी हो।मै अच्छी हूं भी और नही भी।अब पूछोगी नही कि क्यों ।बस मन नही लग रहा है सुबह से । पतिदेव अहमदाबाद गये है । कपड़ा देखने।मैने तुम्हे पहले भी बताया था ना कि वो म

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18/5/2022

18 मई 2022
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प्रिय सखीकैसी हो। मैं अच्छी हूं।दो दिन से मुलाकात नही हो पाई मेरी तुम से थोड़ा बिजी थी। पतिदेव कल ही आये अहमदाबाद से ।जिस काम के लिए गये थे उसमे सफलता नही मिली तो झुंझलाते हुए ही आये।एक तो कहां तो बार

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20/5/2022

20 मई 2022
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प्रिय सखी।कैसी हो।मै ठीक हूं।अभी लिखने बैठी तो ऐप ही नही खुल रहा था।अब काफी समय बाद ओपन हुआ है ।तभी तुम से मुलाकात हो पायी है। शब्द टीम का ध्यान ऐप को ठीक करने के लिए दिलाना पडेगा।अभी बहुत सी गड़बड़ी

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23/5/2022

23 मई 2022
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प्रिय सखी।कैसी हो ।मै आज बहुत खुश हूं।आज सुबह से ही मौसम खुशनुमा हो रहा है।सुबह उठते ही ठंडी हवा ने माथे को छूआ तो मन प्रसन्न हो गया।इतने दिनों से जलती, झुलसाती गर्मी से बेहाल हो गये थे।जब उठी थी तो ठ

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24/5/2022

24 मई 2022
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प्रिय सखी।कैसी हो ।मै अच्छी हूं।कल ही शैलेश सर ने मेरी नयी पुस्तक जो पुस्तक लेखन प्रतियोगिता मई मे शामिल है।उसका कवर पेज हमे भेजा है ।हमने शैलेश जी से कहा था कि हमे इसका कवर पेज बनवाना है और वो बन भी

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27/5/2022

27 मई 2022
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प्रिय सखी।कैसी हो। मैं अब अच्छी हूं ।दो दिन से बुखार चढ़ रहा था ‌‌‌‌सुह सुबह ही चढ़ जाता था। कुछ लिखने का मन ही नही करता था।अब पतिदेव तो वैसे ही खिलाफ है हमारे लेखन के अब तो बहाना मिल गया।"तुम मोबाइल

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28/5/22

28 मई 2022
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प्रिय सखी।कैसी हो।मै तो आज थक गयी।सुबह से भाग दौड़ कर रही हूं ।बडे बेटे का आज पेपर है । आखिरी पेपर है । थोड़ी तैयारी कम लग रही थी ।बेचारा डर रहा था बार बार मेरे पास आकर कह रहा था "ममा एग्जाम ठीक होगा

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