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3) शैतान कि दुनियां।

12 सितम्बर 2021

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                           " शैतान कि दुनियां।"



वो लगातार भागे जा रहा है। पीछे मुड़कर देखना उसे अपनी जान से हाथ धोने जैसा लग रहा हैं।

पसीने से भीगा हुआ, थका शरीर विश्राम करना चाहता है लेकिन उसे भागना होगा,, जितनी जल्दी हो सके उसे भागकर इस जंगल से बाहर निकलना ही है।

आखिरकार भागते हुए कवि जंगल के अन्दर से निकलकर सड़क किनारे पहुंच गया फिर एक कार के आगे जाकर कवि गिर गया। कार ड्राइव कर रहे शख्स ने ब्रेक लगाया।  वह  कार से उतर कर कवि के पास गया और देखा कि कवि कि बॉडी पर जख्मों के निशान हैं और निशान हैं नाखूनों के , धारदार नाखूनों के निशान। कपड़े फटे हुए हैं।

कवि बेहोश हो चुका है।


25 मिनट बाद।

कवि ने आंखे खोली। आसपास निगाहें दौड़ाई।

" डरो मत! मैं हूं विशांत। मेरे कार के आगे आ गए थे तुम फिर बेहोश हो गए थे। कपड़े चेंज कर लो और थोड़ा कुछ खा भी लो।" विशांत ने हल्की मुस्कुराहट के साथ कहा।

" आपका धन्यवाद! मैं कवि हूं।" सोफे पर से उठकर खड़े होते हुए कवि ने कहा।

कवि ने अपने कपड़े चेंज किए। ब्रेकफास्ट किया। विशांत ने उसे अपने दोस्तों कि तरह ट्रीट किया।

" अब बताओ कि क्या हुआ था तुम्हारे साथ? तुम्हारे पूरे शरीर पर किसके नाखूनों से घाव बने हुए हैं? तुम भाग क्यों रहे थे?" विशांत ने उसे बाल्कनी में चेयर पर बिठाया फिर अपने सवाल पूछे।

" मेरी किस्मत अच्छी थी जो मैं किसी भी तरह से उस खूंखार, आदमखोर 👿 (डेविल) शैतान कि दुनिया से बाहर निकल पाया। उसने ही मेरे पूरे शरीर पर अपने पैने नाखूनो से घाव बनाए हैं। उसे मैं कभी भी भूल नहीं पाऊंगा। आपका शुक्रिया जो आपने मुझे लिफ्ट दे दी थी।" कवि ने  कहा।

" हुआ क्या था आपके साथ?" विशांत ने पूछा।

" अगर आप सुनना चाहते हैं तो सुनिए– मैं अपने बाईक पर सवार होकर उसी जंगल के रास्ते से गुजर रहा था कि अचानक से मेरे बाईक के आगे एक महिला भागती हुई आ
खड़ी हुई।"

उसने कहा–"  कृपया मेरे साथ चलिए। मुझे बचा लीजिए। वो मुझे मारना चाहता है।" 

मैंने उससे कहा–" घबराइए मत। हम पुलिस स्टेशन चलते हैं। जो भी प्रॉब्लम हो बेझिझक आप पुलिस स्टेशन में बयान दर्ज करा सकती हैं।"

उसने रोते हुए कहा–" मेरे दो बच्चें भी है जो उस ओर है (जंगल कि ओर इशारा करते हुए) उन्हें बचाने में मेरी मदद कीजिए। एक अधेड़ उम्र का आदमी मेरे पीछे पड़ा हुआ है। वो मुझे और मेरे दोनों बच्चों को मार देगा।"

मैंने सोचा फिर कहा–" चलिए। मैं चलता हूं आपके साथ।"

हम उस ओर गए। झाड़ियों से होते हुए। बाईक को मैंने सड़क किनारे खड़ी कर दी थी।

20 मिनट बाद।


मैंने आगे जंगल के घने पेड़ों को देखते हुए उससे पूछा–" कौन है यहां? कौन आपको मारना चाहता है? आपके बच्चें दिखाई नहीं दे रहे हैं।बोलिए?"


भयानक अट्टहास करते हुए एक शैतान बोला–" मुझे नहीं अब तुम्हे मरना पड़ेगा। तुम्हे मैं जिंदा खा जाऊंगा। ये मेरी दुनिया है। मेरी चलती है यहां इस वीरान घने जंगल में।"
मैंने पीछे मुड़कर देखा तो वह कोई शैतान खड़ा हुआ था मेरे पीछे।
खौफनाक चेहरा, बेहद उग्र रूप और आग के लपटों जैसी थी निगाहें उसकी।
मै बहुत डर गया। उसने अपना हाथ तेजी से मेरी ओर बढ़ाया। उसके शरीर का आकार बड़े से पेड़ जितना था। मैं कांपने लगा। उसने मुझे पकड़ लिया अपने हाथों से। उसके दोनो हाथों के दसों नाखूनों ने मेरे शरीर पर घाव करना शुरु कर दिया। वो मुझे अपने मुंह कि ओर लिए जा रहा था। दोनों हाथों से उसने मुझे मजबूती से पकड़ रखा था। मैं उसके विशालकाय मुंह को देखकर रो पड़ा। दांत बड़े और लंबे धारदार थे। मैंने आसपास नजरे दौड़ाई। एक पेड़ कि लंबी शाखा मेरे हाथों के ऊपर थी। शाखा में कुछ सुखी डंठलिया भी थी। एक  डंठल जैसी शाखा को मैंने अपने हाथों से मजबूती से पकड़ा फिर अपनी ओर खींचा। शाखा मेरे हाथों में आ गई। मैंने उस शैतान के नाक में शाखा कि नोक को जोर से धक्का देकर घुसा दिया।वो चीत्कार करते हुए चीख उठा। मै उसके हाथों से छूटकर जमीन पर जा गिरा। मैं अब जंगल से बाहर निकलने के लिए बेतहाशा दौड़ने लगा। आगे या पीछे देखे बिना दौड़े जा रहा था जिसके कारण मैं कंटीली झाड़ियां में जा गिरा। मेरे शरीर में कांटे चुभे और कपड़े में उलझ गए। जैसे तैसे करके मैंने अपने आप को कांटो से आजाद किया। कपड़े फट गए। मै भागने लगा। उस शैतान ने चमगादड़ का रूप धारण किया। आंखो से आग के लपटें निकल रहे थे उसके। मैं बेहद डर गया था। मै एक मजबूत पेड़ के पीछे जा छुपा। वह तेज गति से उड़ते हुए आ रहा था जिसके कारण वह पेड़ से जा टकराया और जमीन पर जोर से गिरा। भयंकर चीख निकली उसके मुंह से। मेरे रोंगटे खड़े हो गए। मै भगवान को याद करते हुए भागने लगा। जो रास्ता दिखा उसी रास्ते से भागे जा रहा था। वह शैतान फिर से चमगादड़ बन गया और मेरी ओर आने लगा। मेरी किस्मत अच्छी थी कि मैं भागते हुए जंगल से निकलकर आपके कार के सामने जा गिरा। फिर आप मुझे यहां ले आएं। उस शैतान ने नरमुंड कि माला पहनी हुई थी अपने गले में।
मैं उसका भोजन बन चुका होता अगर भगवान कि कृपा से जंगल से बाहर निकला न होता तो। आपका धन्यवाद, आपने मुझ पर उपकार किया है।" हाथ जोड़ते हुए कवि बोला।



" आप बिल्कुल सही कह रहे हैं। उस शैतान कि दुनिया है वो श्रापित जंगल। गिने चुने लोग ही उस जंगल के बीच सड़क वाले रास्ते पर से जाते – आते हैं। वह शैतान छ्दमवेश धारण करके सड़क के आसपास भटकते रहता है। जंगल के अन्दर ही उसकी शक्तियां ज्यादा प्रभावशाली होती है। वह कभी महिला तो कभी पुरुष का रूप धारण करके सड़क पर नजर आ रहे किसी भी आदमी को झूठी कहानी सुना देता है ताकि वह आदमियों को अपने साथ धोखे से जंगल के अन्दर ले जाकर उन्हें अपना शिकार बना सके। आइंदा से सजग रहिएगा। आपके बाईक को जरूर उसी शैतान ने कही छुपा दिया होगा। चलिए मैं आपको आपके घर पहुंचा देता हूं। धन्यवाद कहने कि जरूरत नहीं है ये तो मेरा फर्ज बनता है कि कोई भी व्यक्ति मुसीबत में रहें तो उसकी मदद करू।" विशांत ने कहा।
फिर विशांत ने कवि को उसके घर ड्राप कर दिया। वह शैतान कि दुनिया उसी जंगल में स्थित है। एक बार अगर कोई भी व्यक्ति उस जंगल में पहुंच जाता है तो  फिर शायद ही वह जिंदा जंगल से बाहर निकल सकता है।




।। समाप्त।।


5
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हॉरर स्टोरीज
5.0
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