" ला लोराना के आंसू...."
" निशान! देखो बेबी , हम लोग मैक्सिको सिटी पहुंच गए हैं।" निशा ने अपने 9 साल के बेटे को पुचकारते हुए कहा।
" यस मॉम! आई एम वेरी हैपी। आप दोनों वर्ल्ड के सबसे बेस्ट मॉम एंड डैड हो। I love you so much." निशान
ने मुस्कुराते हुए कहा।
" अब चलो लॉज में। रात होने वाली है। कल सुबह यहां कि सैर करने जायेंगे। चलो बेटा।" वसंत ने अपने बेटे से कहा। अपने मॉम एंड डैड के बीच में खड़ा हुआ मुस्कुरा रहा निशान बेहद खुश नजर आ रहा हैं।
रात के 9 बजे।
" बेटा अब लाइट ऑफ करके सो जाओ। बिना हमे बताएं कहीं भी नहीं जाना है तुम्हें अकेले। समझे?" निशा ने कहा।
" यस मॉम! गुड नाईट।"
" गुड नाईट एंड स्वीट ड्रीम्स।"
थोड़ी देर बाद निशान कि आंख खुली। उसे नींद नहीं आ रही है। वह बेड पर बैठ गया और देखा कि बगल में उसकी मॉम गहरी नींद में सो रही है और दूसरी ओर बगल में उसके डैड सोए हुए हैं। वो अब सोने कि कोशिश करने लगा लेकिन नींद आ ही नहीं रही है।
निशान बेड से नीचे उतरकर खिड़की कि ओर बढ़ गया। खुली हुई खिड़की के पर्दे फड़फड़ाते हुए हवा के झोंके से हिचकोले खा रहे हैं।
निशा, वसंत का बुक किया हुआ यह लॉज उत्तरी मैक्सिको में है।
निशान ने खिड़की के बाहर देखा और देखते रह गया।
अगली सुबह।
" निशान! कहां हो?" निशा और वसंत दोनों ही निशान को पूरे लॉज में ढूंढ रहे है। आसपास के लोगों से भी पूछे जा रहे हैं लेकिन कोई भी नही जानता है कि "निशान" कहां चला गया है।
थक हारकर अब वे यहां के पुलिस कार्यालय जाने का सोचते हैं। लेकिन एक बार बाहर जाकर आसपास के लोगों से अपने बेटे के बारे में पूछने के लिए चल पड़े लॉज से बाहर पैदल। चलते हुए वे आसपास के लोगों को अपने बेटे का फ़ोटो दिखाते हुए पूछ रहे हैं लेकिन निराशा ही हाथ लग रही है।
" What happened? do you have any problem?" एक मैक्सिको वासी ने निशा और वसंत को परेशान देखकर कहा। यह एक महिला है अधेड़ उम्र की।
निशा और वसंत उसकी ओर बढ़ गए।
"Our son is not meeting in the morning , do not know where he has gone?"
(" हमारा बेटा सुबह से मिल नहीं रहा है, पता नहीं कहां चला गया है वो?")– निशा ने रोते हुए कहा।
" See this picture of him, have you seen our son aunt?"
( ये देखिए उसकी तस्वीर, क्या आपने देखा है आंटी हमारे बेटे को?")– वसंत ने अपने मोबाइल स्क्रीन पर निशान कि तस्वीर उन्हे दिखाते हुए,उनसे पूछा।
" No! I have not seen but how old is your son? "
( नहीं! मैंने नहीं देखा है। लेकिन आपका बेटा कितने साल का है?" )– उन आंटी ने तस्वीर को गौर से देखने के बाद कहा।
"Our son is 9 years old." निशा ने अपने आंसू पोंछते हुए कहा।
"You go with me to the garden of my house. I want to talk to you." आंटी ने प्यार से कहा।
5 मिनट बाद।
निशा और वसंत आंटी के घर के बगीचे में दो चेयर पर बैठे हुए हैं। सामने आंटी बैठी हुई है स्टील कि चेयर पर चेहरे पर गंभीरता के भाव लिए।
" मुझे भी थोड़ी बहुत हिन्दी आती हैं। तो अब मैं एक सच्ची कहानी आपको सुनाने जा रही हूं , इस कहानी को बड़े ध्यान से सुनिएगा।" आंटी ने उन दोनों को देखते हुए कहा।
"इसी उत्तरी मैक्सिको में एक दिलकश हसीना रहा करती थी। जिसका असली नाम था मारिया। मारिया अपनी बेदाग ख़ूबसूरती के लिए आसपास के इलाकों में विख्यात थी। शहर में रहने वाला हर नौजवान मारिया पर फ़िदा था। हर शाम जब मारिया अपना पसंदीदा सफ़ेद ग्रोन पहनकर निकलती थी तो बहुत खूबसूरत लगती थी।
एक दिन बाजार में उसे एक नौजवान मिला जो मारिया को देखते ही उसके रूप को देखकर मोहित हो गया, और मारिया को भी वह व्यक्ति बहुत पसंद आया। उस लड़के ने मारिया के सामने शादी का प्रस्ताव रखा। फिर दोनों ने जल्दी ही शादी करके एक खुशहाल जीवन जीना शुरू कर दिया।" आंटी ने गहरी सांस ली।
"मारिया खुश रहा करती थी। क्यूंकि वह अपने निजी जीवन से बहुत खुश थी। उसका पति उसे बहुत खुश रखता था। दिन गुजरते गए। मारिया के दो बेटे हुए। लेकिन मारिया का पति अब पहले की तरह उससे प्यार नहीं करता था। मारिया के व्यक्तिगत और भावनात्मक जरूरतों कि पूर्ति न होने के कारण मारिया अब पहले जितनी खुश नहीं थी।
एक दिन मारिया का पति किसी काम के सिलसिले से दूसरे शहर गया, और फिर कभी वापस नहीं लौटा। मारिया कई दिनों तक अपने पति का इंतजार करती रही। मारिया ने उसके ख्याल में रो-रो कर बुरा हाल कर लिया था खुद का। अब वह पहले जितनी सुन्दर नहीं रही थी।
एक दिन नदी किनारे, अपने दोनों बच्चों के साथ घूमते वक़्त मारिया ने अपने पति को किसी और महिला के साथ घोड़ा गाड़ी में जाते हुए देखा। उसके पति ने अपने बच्चों की तरफ मुस्कुराकर देखा। लेकिन मारिया को पूरी तरह से अनदेखा कर दिया मानो वह मारिया को जानता ही नहीं हो। इस घटना के बाद मारिया बहुत नाराज हुई उससे। फिर गुस्से में आकर मारिया ने यह फैसला किया वह अपने पति की आखरी निशानी यानि अपने उन दो बच्चों को खत्म कर देगी। ऐसा फैसला मारिया ने प्रतिशोध की भावना से लिया। क्योंकि उसका पति अपने बच्चों से बहुत प्यार करता था।
मारिया ने गुस्से में आकर अपने दोनों बच्चों को नदी में डुबाकर मार दिया। जब तक मारिया ने अपना होश संभाला तब तक बहुत देर हो चुकी थी। उसके दोनों बच्चों की मौत हो चुकी थी। और उनके शव नदी में बहते चले जा रहे थे। मारिया ने एक बार तो अपने बच्चों को नदी से बाहर निकालने की कोशिश तो कि लेकिन नदी का प्रवाह ज्यादा होने कि वजह से उसके बच्चे नदी में बह गए।
मारिया को अपने किए का बहुत अफ़सोस हुआ, और अपने किए पर शर्मिंदा और दुखी होने के कारण कुछ ही दिनों बाद मारिया कि भी मौत हो गई। अपने जघन्य अपराध के कारण शायद मारिया कि आत्मा को मुक्ति नहीं मिली, और वह एक बार फिर जाग गई। उसकी आत्मा उसी नदी और मारिया के घर के आसपास के इलाकों में भटकने लगी। यह इलाका जहां पर आप दोनों रूके हुए हैं यह उसी नदी किनारे बसा हुआ है।" आंटी ने कहा तो वो दोनों हैरान रह गए। दिल कि धड़कने तेज हो गई।
"मारिया के मौत के कुछ ही दिनों बाद यहां के सारे निवासियों ने यह दावा करना शुरू कर दिया की उन्हें सफ़ेद ग्रोन में एक महिला रात के वक़्त दिखाई देती है। शुरुआत में इन बातों पर किसी ने भी गौर नहीं किया। लेकिन कुछ ही समय बाद यहां के गांवों से बच्चों के गायब होने की घटनाएं सामने आने लगी। यह चर्चा होने लगा कि एक सफ़ेद ग्रोन वाली महिला को देखा गया है जो अक्सर नदी के पास बैठी रोती रहती है। उसके रोने की आवाज में दुःख भी है और एक अजीब सा डरा देने वाला भय भी है।
कुछ लोगों ने बताया की अगर कोई उस रोती हुई महिला के पास जाता है तो वह महिला अचानक से गायब हो जाती है। लेकिन उसकी रोने की आवाज फिर भी आती रहती है। और वह आवाज इतनी भयानक होती है की अगर कोई उस आवाज को सुन ले तो उसके कानो में वह आवाज काफी दिनों तक गूंजती रहती है।" आंटी ने डरावने अंदाज में कहा।
" लेकिन ये सब आप हमें क्यों बता रही हैं?" निशा ने कहा।
" मेरी पूरी बात सुनिए।" आंटी ने कहा। वसंत ने निशा को संभाला।
"कुछ ही दिनों में एक और बच्चे की गायब होने की घटना सामने आई। गांव वालो को नदी के दूसरे किनारे पर अलेजांद्रो नाम का एक 15 साल का बच्चा अचेत हालात में मिला। होश आने पर बच्चे ने जो बातें गांव के लोगों को बताया उसे सुनकर हर किसी के होश उड़ गए। अलेजांद्रो ने बताया की जब वह नदी किनारे बैठा था तो उसने देखा एक सफ़ेद ग्रोन पहनी महिला अचानक रोते हुए नदी के पानी से बाहर निकली। उसका चेहरा बेहद डरावना था। और उसकी रोने की आवाज बहुत खौफनाक थी।
वह महिला पानी से बाहर निकली और अपने सामने खड़े बच्चे को एकदम ध्यान से देखती रही । उस महिला के देखने मात्र से वह बच्चा उस महिला की और खींचता चला गया। फिर देखते –ही– देखते वह बच्चा उस महिला के पास पानी में पहुँच गया। वह महिला रोती रही और उस बच्चे को पानी में डुबाने लगी। फिर वह महिला गायब हो गई और उस बच्चे का शव पानी के ऊपर दिखाई देने लगा। पानी का बहाव उसके शरीर को अपने साथ बहा ले गया। यह देख अलेजांद्रो बहुत डर गया और वही बेहोश होकर गिर पड़ा था।
इस घटना के बाद यहां के लोग समझ गए की हो न हो इन घटनाओ का कारण मारिया की भटकती आत्मा ही है। क्यूंकि वह आत्मा हमेशा रोते हुए ही दिखाई देती थी।
एक समय ऐसा भी आया जब लोग अपने बच्चे को बाहर तक नहीं जाने देते थे। उसके खौफ से सन् 1960 तक भी मैक्सिको के कुछ भागो में महिलाएं अपने बच्चों को स्कूल तक भेजने में कतराती थी। क्योंकि वह आत्मा जिसे लोग ला लोराना कहने लगे है के खौफ का शिकार छोटे उम्र के बच्चे ही हुआ करते थे। लोगों का मानना है की ला लोराना अपने अगले शिकार के तलाश में घूम रही है। जब भी उसे अपने बच्चों की उम्र का कोई बच्चा दिखाई देता है तो वह उसके पास जाती है। लेकिन जब वह यह देखती है की वह बच्चा मारिया यानि अपना नहीं है तो वह गायब हो जाती है। कुछ लोगों का यह भी कहना है की जो भी ला लोराना को देख लेता है उसका बुरा समय शुरू हो जाता है। " आंटी ने गहरी सांस ली।
" क्या आपने कभी उसे यानि कि ला लोराना को देखा है?" वसंत ने प्रश्न किया।
" देखा तो नही है लेकिन उस ला लोराना के आंसू जरूर दिखे थे मुझे। नदी किनारे उसकी रोती हुई परछाई और उसके आंखो से बहते हुए खून के आंसू। उसे गौर से देख पाने कि हिम्मत किसी में भी नहीं है। लोग तो दुआं करते हैं कि वह दिखे ही न किसी को। " आंटी ने कहा।
" Hello mr. Vasant Saxena." एक आदमी वहां पर आते हुए बोला। जिसके पीछे एक बच्चा छुपा हुआ है।
" Yes, what is the matter." वसंत उसकी ओर मुखातिब होते हुए बोले।
"Is this scared son yours?" उस आदमी ने कहते हुए अपने पीछे छुपे बच्चें को , निशा और वसंत के सामने लाया। आंटी भी गौर से उस बच्चे को देखने लगी।
"Thank you so much. This is our son." निशा ने जैसे ही निशान को देखा वो बोली। वसंत और निशा ने अपने बेटे को पुचकारा । उसे गोद में उठा लिया। आंटी भी खुश हो गई यह देखकर कि निशान सही सलामत है। आंटी से विदा लेकर लॉज से निशा और वसंत आए।
" मम्मा! मुझे वापस इंडिया जाना है प्लीज़।" निशान ने रोते हुए कहा।
" क्या हुआ था बेटा? कैसे आप गुम गए थे? हम कितने परेशान थे आपको लेकर।" निशा ने अपने सीने से निशान को लगाते हुए कहा।
" ऐसे बिना बताए बाहर मत जाना अगली बार से। हमारी तो जान ही निकल गई थी बच्चा।" वसंत ने उसके सिर पर हाथ फेरते हुए कहा।
10 मिनट बाद।
" मैं रात में खिड़की के पास खड़ा हुआ बाहर कि ओर देख रहा था। मुझे सफेद ग्रोन पहनी हुई बेहद खूबसूरत महिला नजर आई। उसने मेरी ओर बड़े प्यार से देखा था मम्मा। फिर मैं बेहोश होकर गिर गया और जब आंख खुली तो देखा कि मैं एक नदी किनारे पड़ा हुआ हूं। वह महिला दूसरी ओर मुंह करके रोए जा रही थी। डरावनी आवाजे निकल रही थी उनके रोने से। मैं डर गया था। वो रोए जा रही थी और नदी के बहते हुए जल को देख रही थी। मैं उठा और भागने लगा। भागते हुए उन अंकल से जा टकराया। मैं बहुत डरा हुआ था। उन अंकल ने मुझे गोद में उठाया। अपने घर ले गए। मेरा डर कम करने के बाद उन्होंने मुझसे आप दोनों के बारे में पूछा कि तुम्हारे मॉम, डैड कहां है? कहां पर रहते हों? मैं उन्हें लॉज ले गया था लेकिन आप दोनों नहीं दिखे। फिर उन अंकल के साथ मिलकर मैं रोते हुए आप दोनों को ढूंढने लगा। काफ़ी देर के बाद आप दोनों मुझे मिले उन आंटी के यहां। उन अंकल ने मुझे बताया था कि वो महिला ला लोराना है। (रोती हुई महिला कि आत्मा) सच में अब मैं उस ला लोराना के आंसुओ से भरे हुए डरावने चेहरे को कभी भी नहीं भूल पाऊंगा पापा। मुझे अब वापस ले चलिए भारत। यहां डर लगने लगा है कि कहीं वो ला लोराना न दिख जाए। " निशान ने कहा और निशा के सीने से लग गया।
वसंत और निशा को भी अब यकीन हो गया है कि सच में यहां ला लोराना हैं। वे तीनों वापस भारत चले गए लेकिन निशान आज भी "ला लोराना के आंसू" से भरे चेहरे को याद करके कांप जाता है।
।। समाप्त।।