जीवन की संजीवनी
मुस्कराहट एक संजीवनी बूटी है, जो सामने वाले को जीवन दान देने का कार्य करती है। उसके लिए कोई मूल्य नहीं चुकाना पड़ता। यह तो मनुष्य की प्रसन्नता और सम्पन्नता की पहचान है। उसकी मुस्कराहट कई चेहरों को मुरझाने से बचा सकती है और उन्हें खुशियाँ दे सकती है।
प्रातःकाल पूर्व दिशा से मुस्कुराते हुए जब सूर्य देवता का उदय होता है, उस समय ब्रह्माण्ड में चारों ओर ही खुशियाँ छा जाती हैं। प्रकृति जब रंग-बिरंगे फूलों के रूप में मुस्कुराती है, तब उनके पास से गुजरने वाला हर व्यक्ति उससे प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकता।
एक मधुर मुस्कान युक्त किसी व्यक्ति किसी के लिए भी आकर्षण का केन्द्र बन जाता है। अपने समक्ष आने वाले हर इन्सान के लिए वह जादू का काम करती है, उसके दुःख-दर्द पालक झपकते ही स्वयं कम हो जाते हैं। यह जादू की झप्पी का काम करती है।
हम सबने अनुभव किया है कि कष्ट और परेशानी से तड़पता हुआ मरीज यदि डॉक्टर के पास जाता है और वह मुस्कराते हुए उस मरीज की परेशानी को सुनकर कर उसका इलाज करता है, उसके दर्द पर अपना स्नेहासिक्त हाथ रखता है, तो मरीज को ऐसा लगता मानो उसकी आधी बिमारी वहीं दूर हो गयी। रोगी का डॉक्टर के प्रति विश्वास बढ़ जाता है। उसके मन में यह विचार घर कर जाता है कि वह शीघ्र ही स्वस्थलाभ करेगा।
सामान खरीदने के लिए यदि किसी कोई व्यक्ति मॉल या दुकान में जाता है और वहाँ का सेल्समेन अथवा दुकानदार उसका मुस्कुराकर स्वागत करेगा, ध्यान देते हुए इच्छित वस्तुएँ दिखाएगा, तो मनुष्य प्रसन्न हो जाता है। बार-बार वहाँ आकर ही अपना मनचाहा सामान खरीदेगा।
एवंविध कोई व्यापारी हैं अथवा बॉस प्रसन्न होकर मुस्कुराते हुए अपने दफ्तर में प्रवेश करता है कर्मचारियों के मन में रहने वाला प्रेशर कम हो जाता है। आफिस का माहौल खुशनुमा होने से सभी कार्य सुचारू रूप से और व्यवस्थित होने लगते हैं। इस प्रकार वह कम्पनी या कार्यालय सबके लिए एक आदर्श बन जाता है।
एक अध्यापक यदि मुस्कुराते हुए अपनी कक्षा में प्रवेश करता है, तो वहाँ विद्यमान सभी बच्चों के चेहरों पर स्वयं ही मुस्कान खिलने लगती है। उस कक्षा का वातावरण खुशनुमा बन जाता है, छात्रों का मन भी पढ़ने में लगता है। पढ़ने-पढ़ाने का आनन्द कई गुणा बढ़ जाता है।
जब हम अपनी फोटो खिंचवाते है, तो फोटो खींचने वाला यही कहता है- smile please. यदि जरा-सा मुस्कुरा देने से हमारी फोटो अच्छी आ सकती है, तो फिर खुलकर हँसने से जिन्दगी की सारी तस्वीर बहुत सुन्दर हो सकती है।
सदा ही मुस्कुराहटें बिखेरने वाला व्यक्ति यदि उदास हो जाए, तो किसी को भी अच्छा नहीं लगेगा। उससे लोग पूछने लग जाते हैं कि भाई कि बात है आज उदास क्यों हो गए? इसका कारण यही है कि सदा मुस्कान बिखेरने वाले लोग अपने आसपास बहुत कम मिलते हैं।
यदि इन्सान दिन भर के काम की थकान के बावजूद शाम को मुस्कुराते हुए घर में प्रवेश करे, तो पूरा परिवार आनन्दित हो जाता है। ऐसे खुशगवार माहौल में आकर व्यक्ति की अपनी थकावट भी दूर हो जाती है और परिवारी जनों के साथ की जाने वाली गपशप से मन बहलने के साथ-साथ घर-परिवार की कई समस्याएँ भी सुलझ जाती हैं।
कुटिल मुस्कान वालों से बचकर रहना आवश्यक होता है। वही बात कि सावधानी हटी दुर्घटना घटी। यानी जहाँ हमने इन्सान को समझने की भूल की, वहीं उसके जाल में उलझकर दलदल में फँसने जैसी बात हो जाती है। सावधानी रखने से ऐसे लोगों को परखकर किनारे किया जा सकता है।
हँसने और मुस्कुराने का वरदान ईश्वर ने केवल मनुष्य को ही दिया है। छोटे बच्चे की एक मुस्कान पर सारा घर बलिहारी होने लगता है। उसी प्रकार किसी भी भी मनुष्य की सरल और सहज मुस्कान सबको हरने वाली होती है।
चन्द्र प्रभा सूद