कुछ बात तो थी उनमे शायद जो मैं उनके पिछे चला आता था
रोज सवेरे आँखे मिचे खिड़की पर उनका ही दिदार करता था
कुछ बात तो थी ...........
ना जाने क्या कशिश थी उनके दोनों आँखों में उन्ही आँखों में डूब जाने को मन करता था कुछ बात तो थी ..........
5 अक्टूबर 2017