बहुत पहले एक फिल्म आयी थी ,''रोटी ,कपड़ा और मकान '' तब हम बहुत छोटे थे ,घरवालों व् आसपास वालों की बातों को फिल्म के बारे में सुनता तो लगता कि यही ज़िंदगी की सबसे बड़ी ज़रुरत हैं किन्तु जैसे जैसे बड़े हुए जीवन की सच्चाई सामने आने लगी और तब एहसास हुआ कि जीवन की सबसे बड़ी ज़रुरत ''पानी '' है ,एक बार