निज भाषा उन्नति अहे,सब उन्नति को मूल महान साहित्यकार भारतेन्दु हरिश्चन्द्र ने अपनी भाषा को सब प्रकार की उन्नति का मूल कारक बताया था।अपनीभाषा अर्थात जिस जगह हम रहते हैं ,उस विस्तृत भूभागमें बोली जाने वाली भाषा।इस प्रकार हिंदी हमारी मातृ-भाषा है,क्योंकि वह विस्तृत भू-भाग में