21 अप्रैल 2022
कविता --धरती माता----हे धरती माता हम सदा तेरे कर्जदार रहेंगे।तेरी ही गोद में पले बढ़े और खेलते रहेंगे।।तेरा आंचल चीर नाना भांति की फसलें उगाते।वृक्षों से हरियाली ईंधन बीज,फल शुद्ध हवा पाते।।अनेक प्रका
9 नवम्बर 2021