बारह ज्योतिलिंग का स्मरण*
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**काशी ही मधुवन हो जाए,*
*विश्वनाथ धड़कन हो जाए!*
**नयनों में उज्जैन बसे तो,*
*सन्यासी ये मन हो जाए!*
**सोमनाथ का करें स्मरण,*
*मल्लिकार्जुन तन हो जाए!*
**ममलेश्वर का ध्यान करें,*
*वैद्यनाथ आंगन हो जाए!*
**भीमाशंकर के दर्शन हों,*
*नागेश्वर तपवन हो जाए!*
**त्रयंबकेश्वर हों नयनों में,*
*घुश्मेश्वर अंजन बन जाए!*
**रामेश्वर में राम मिलें तो,*
*रज केदारवन की बन जाएं!!*
*🕉️🔱ॐ नमः शिवाय🔱🕉️*