अतीत की यादें जो मनुष्य को एक सुखद अनुभूति प्रदान करें। जिनके सहारे शायद आने वाला समय कट जाए। ऐसी अनुभूतियां हर इंसान के जीवन को नया रूप प्रदान करती हैं। सुखद हुई तो वह उस पालने में झूलता जाता है दुखद हुई तो वह इंसान के मन मस्तिष्क को विषाद प्रदान करता है ये अनुभूतियां हर इंसान के जीवन में कम वेशी रहती ही है। पुराने यार दोस्तों के साथ बैठकर ये यादें अक्सर ताजा होती है।
मेरे जीवन की सुखद यादें बचपन की है। बचपन शायद एक ऐसा समय जिसमें पंछियों की तरह सुखद उड़ान की अनुभूति मिलती रहती है। उस समय विशेष मैं इसका अनुभव न होकर बड़े होने पर एहसास की कमी खलती है।
इसी तरह के एहसासों को लिए हुए
जगजीत सिंह का गाना-
ये दौलत भी ले लो, ये शोहरत भी ले लो
भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी।
मगर मुझको लौटा दो बचपन का सावन
वो कागज़ की कश्ती, वो बारिश का पानी।।