दोस्तों, आज हम आपसे आधुनिक जीवन शैली पर निबंध के बारे में बात करने जा रहे हैं| आज हम और आप मिलकर यह तय करेंगे कि हमारे जीवन में आधुनिक जीवन किस तरह से दुष्प्रभाव डाल रही है| चलिए अब हम जानेंगे आधुनिक जीवन शैली के बारे में|
आज हम आधुनिक जीवन में इस तरह से इसे खोते जा रहे हैं, कि हमें हमारी संस्कृति की कोई परवाह ही नहीं रही है| आज हम अपने नए नए सपनों को पूरा करने के लिए पूरा जीवन बिता देते| जिस जीवन को हम हंसते खेलते हुए जीना था, उस जीवन को हम न जाने कहां खो रहे हैं| नई शैली मानव जीवन को आलसी एवं कमजोर बना रही है| आज के नए युवा फिल्म देखने, लाइव स्टाइल बनाने और हर तरह का दिखावा करने में अपना जीवन बिता रहे हैं|
हम अपना जीवन जी रहे हैं या काट रहे हैं यह जाना हमारे लिए बहुत जरूरी है| जीवन काटने का अर्थ यह है कि हम पूर्ण तहा अबोध ही जीवन जी रहे हैं| जिसकी परिणति हमारा संपूर्ण विनाश है| इसके ठीक विपरीत बुद्धि जीवन रक्षा सुख समृद्धि शांति और विकास लाता है| मनुष्य जीवन प्रकृति का दुर्लभ अति सुंदर तथा सर्वश्रेष्ठ उपहार है| अतः इसे सत्यम शिवम सुंदरम के आधार पर जीने का प्रयास करना चाहिए| हमारी आधुनिक जीवन शैली कैसी हो गई है इसके कुछ विवरण से हम सब को यह जानकारी मिलती है, कि हमने ऊंचे ऊंचे भवन बना लिए लेकिन हमें छोटी सी बात पर गुस्सा आ जाता है| हमने आने जाने के लिए खूब चौड़े मार्ग तो बना लिए लेकिन हम संकुचित विचारों से बुरी तरह ग्रस्त है| हम अनावश्यक खर्चा करते हैं और बदले में काम बहुत कम होता है| हम खरीदते बहुत अधिक है किंतु आनंद कम उठा पाते हैं| हमारे घर बहुत बड़े-बड़े हैं किंतु उनमें रहने वाले परिवार छोटे हैं| हमारे पास सुविधा है बहुत है किंतु समय कम| हमारे पास डिग्रियां बहुत है लेकिन कार्य बहुत बहुत कम| हमारे पास ज्ञान बहुत है लेकिन ठीक निर्णय लेने की क्षमता कम है| हम बहुत निपुण है लेकिन समस्याओं में उलझे रहते हैं| हमारे पास दवाइयां अधिक है किंतु स्वास्थ्य कम है|
हम अधिक खाते पीते हैं किंतु हंसते कम है| तेज गाड़ी चलाते हैं और जल्दी नाराज हो जाते हैं| रात देर तक जाते हैं और सुबह थकान के साथ उठते हैं| कम पढ़ते हैं और अधिक टीवी देखते हैं| हम प्रार्थना कम करते हैं और दूसरों से घृणा और नफरत अधिक| हमने रहने का तरीका सीख लिया है किंतु हमें जीना नहीं आया| हम चांद पर जाकर लौट आए लेकिन पड़ोसी से नहीं मिलते| हमने बाहरी क्षेत्र जीत लिए किंतु भीतर से टूटे और हारे हुए हैं| हमने बड़े बड़े काम किए किंतु बेहतर नहीं| हमने घर, कोठियां बहुत साफ कर लिए लेकिन आत्मा दूषित कर ली| हमने 'अनु' पर विजय प्राप्त कर ली, लेकिन अहंकार से हार गए| हम लिखते अधिक है लेकिन समझते कम है| हम योजनाएं अधिक बनाते हैं पर उन्हें पूर्ण कम ही करते करते हैं| हम दौड़ते अधिक है और इंतजार कम करते हैं|
यह समय है अधिक फास्ट फूड का, कम हाजमे का| फास्ट फूड का ठीक अर्थ शायद व्रत का खाना अर्थात फ्रूट, सलाद, दूध आदि है| ऊंचे लोग हैं लेकिन नैतिकता में भारी कमी| हम अधिक लाभ की सोचते हैं, और रिश्तो को खोते जा रहे हैं| यह समय है दोहोरी आई का किंतु अधिक तलाक का, खूबसूरत मकानों का और टूटे रिश्तो का यह समय है| जल्दी यात्रा का, और मुश्किल से एक रात रुकने का|
हमारी जीवनशैली कितनी बुरी तरह बिगड़ी और बिक्री हुई है इस बात का शायद हमें अंदाजा भी नहीं| और इस बिखराव के कारण हमें कितनी भारी कीमत चुकानी पड़ रही है और चुकानी पड़ेगी इस बात को समझने में शायद अभी सदियां लगेगी| फिर भी क्योंकि, मनुष्य जीवन हमारे पास प्रकृति की एक अमूल्य धरोहर और उपहार है इसलिए हमें इस को सूसभ्य और ढंग से जीने की कला अवश्य सीखनी चाहिए| अन्यथा हमारी बहुत हानि होगी| "परम पूजनीय भगवान देवात्मा" (विज्ञान मुलक धर्म के संस्थापक) जो मनुष्य की आत्मिक गठन और विज्ञान एवं प्रकृति मुलक, सत्य धर्म के मर्मज्ञ है| तथा मनुष्य आत्मा के सत्य लक्ष्य का अद्वितीय ज्ञान तथा बोध देने वाले हैं तथा अपनी अद्वितीय देव प्रेरणा हो तथा देव जीवन से जीवंत दृष्टांत देने वाले हैं| जिन्हें प्रकृति ने परम शिक्षक, परम गुरु, परम नेता तथा जीवन पथ दर्शक के रूप में सुशोभित किया है| फरमाते हैं कि मनुष्य को नैतिकता से ओतप्रोत सत्य और शुभ पर आधारित जीवन जीना चाहिए धर्म जीवन पाने के लिए अद्वितीय आदर्श जीवन धारी धर्मगुरु के साथ कृतज्ञता श्रद्धा आकर्षण विश्राम तथा परिषद के भावों से जोड़ना चाहिए अन्यथा मनुष्य को आत्मिक मृत्यु से कोई नहीं बचा सकता|
वह इस जीवन की कीमत नहीं समझ रहे हैं| उनका यह जीवन देश के विकास के लिए होना चाहिए था| लेकिन वह अपना जीवन दिखावे में बिता देते हैं| कई युवा पढ़ाई करने की वजह फिल्में देखना, अपने दोस्तों के साथ घूम कर टाइम पास करना, डांस बार में जाकर डांस करना, नशा करके अपना जीवन बिता रहे हैं| कुछ युवा अपने साथ-साथ अपने परिवार का भी जीवन नष्ट कर रहे हैं| बदलती जीवन शैली से लोग आलसी होते जा रहे हैं| पुराने समय में जब युवा आयु होती थी तो युवा सुबह उठकर घूमने के लिए जाते थे लेकिन आज के कुछ युवा 9:00 बजे सोकर उठते हैं और रात में 12:00 बजे तक टीवी देखते हैं| वह अपने जीवन को नष्ट करने में लगे हुए हैं| आज के कई युवा किताबें पढ़ने में अपना समय व्यतीत ना कर के मोबाइल में गेम खेल कर, फिल्में देखकर गाना सुनकर, अपना टाइम पास करते हैं जब हम पढ़ाई करने के लिए स्कूल में जाते हैं तो हमें ज्यादा से ज्यादा समय ज्ञान प्राप्त करने में लगाना चाहिए| इसके बाद जो समय बचता है उस समय में खेलकूद करने में अपना समय व्यतीत करना चाहिए| जिससे हमारा शरीर स्वस्थ रहेगा और हमारा दिमाग तंदुरुस्त रहेगा|
जब युवाओं के ऊपर सर्वे कराया गया तब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह बताया कि युवा वर्ग की आयु के कई लोग हर साल मर जाते हैं| यहां हम सभी को सोचने वाली बात है| कुछ लोग शराब पीने में गर्व महसूस करते हैं| यह वह अपने आप को शराब में डुबो देते हैं| उनकी उम्र नहीं होती है शराब पीने के लायक फिर भी वह शराब पीते हैं| उन्हें लगता है कि लोग जब उन्हें शराब पीकर देखेंगे तो उनका सम्मान होगा| वह यह नहीं जानते कि शराबी का कोई भी सम्मान नहीं करता है| कई युवा तो अपने अपना दिन सोने में गुजार देते हैं| जिसके कारण उनके शरीर का विकास नहीं हो पाता है| और उनके शरीर में तरह-तरह की बीमारी हो जाती है| वह अपने जीवन को सही तरीके से नहीं जी पता है| कुछ युवा टीवी देखने में अपना समय व्यतीत कर देते हैं, इसके कारण की आंखें खराब हो जाती है और वह पढ़ाई में पीछे रह जाते हैं| इस जीवन को बदलने की आवश्यकता है| हमें सही टाइम पर सोचने की आवश्यकता है| सही टाइम पर खाना खाने की आवश्यकता है| और सही टाइम पर खेलकूद करने की आवश्यकता है|
आज हम देख रहे हैं कि युवा वर्ग खाने पीने पर ध्यान नहीं दे रहा है| वह बाजारों में समोसा कचोरी खा कर अपना दिन गुजार देते हैं| जिसके कारण उनके पेट का फैट बढ़ जाता है| और उसे बीमारी लग जाती है| इस उम्र में फल, फ्रूट विटामिंस की चीजें खाना चाहिए| उस समय हम तेल की निकली हुई समोसे खाते हैं जो कि नुकसानदायक होते हैं| आज जिस युवा को पढ़ाई करने में अपना समय व्यतीत करना चाहिए वह फेसबुक और व्हाट्सएप के जरिए टाइम पास करता रहता है| व्हाट्सएप और फेसबुक चलाने से उसको किसी तरह का कोई फायदा होने वाला नहीं है फिर भी वह टाइम पास करता रहता है| इंटरनेट पर टाइम पास करता रहता है| हमें इस शैली से बचना चाहिए और अपना पूरा दिमाग पढ़ाई में लगाना चाहिए| कुछ युवा सिगरेट, तंबाकू खा कर अपने आप पर गर्व महसूस करते हैं| जब उसे कैंसर हो जाता है तब उसके साथ साथ उसका परिवार भी परेशान होता है| इसलिए युवा वर्ग में कभी भी शराब, सिगरेट, तंबाकू आदि का सेवन नहीं करना चाहिए| जिससे हमारा शरीर खराब हो जाता है| हमें अपने शरीर की सुरक्षा करना चाहिए| हमारा शरीर बहुत ही मूल्यवान है इसकी हमें कदर करनी चाहिए|
धन्यवाद|