कला चिकित्सा मनोचिकित्सा का एक रूप है| यह एक ऐसी तकनीक है, जो मौखिक और बिना बोले शब्दों को भी बयां कर देती है| जिन लोगों को अपने विचार व्यक्त करने और बातचीत करने में परेशानी होती है, उनके लिए यह थेरेपी काफी लाभदायक होती है| इस थेरेपी के जरिए वह अपनी बातों और भावनाओं को प्रकट कर सकते हैं|
तनाव और परेशानी आज हमारे जीवन का हिस्सा बनती जा रही है| कभी-कभी इन तनाव भरी स्थितियों और जिम्मेदारियों का प्रबंधन करना बहुत मुश्किल हो जाता है| ऐसे में आजकल अधिकांश लोग अवसाद और तनाव जैसी समस्याओं के अलावा न्यूरो संबंधी विभिन्न बीमारियों से निजात पाने के लिए कला चिकित्सा का सहारा ले रहे हैं| कला चिकित्सा के तहत कला के विभिन्न माध्यमों से मरीजों की मनोदशा को समझने का प्रयास किया जाता है|
कला चिकित्सक मरीजों के इलाज के लिए चित्रकला, नृत्य, नाटक, संगीत, फोटोग्राफी, मूर्तिकला, मनोवैज्ञानिक नाटिकाए, लेखन आदि माध्यमों का सहारा लेते हैं| उपचार के लिए इन सब माध्यमों का उपयोग इसलिए किया जाता है क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति कला के किसी न किसी रूप से नजदीक से जुड़ा होता है| जो लोग अपनी बात को ठीक प्रकार से बता पाने में सक्षम नहीं होते हैं उन्हें इसका बहुत फायदा होता है| स्केच में ब्रश के इस्तेमाल के तरीके, नाटक में मरीज का हाव-भाव, लेखन में शब्दों का चयन आदि से मरीज की मनोदशा को समझने में आसानी होती है|इस थेरेपी के जरिए रोगी के विचारों को उनके अनुसार ही व्यक्त कराया जाता है, जिसमें वे अधिक सहज महसूस करते हैं| इसके जरिए वे सोशल स्किल्स सीखते हैं और उनमें आत्मविश्वास का स्तर भी बढ़ जाता है|
कला चिकित्सक का काम :
कला चिकित्सक कैंसर, अल्जाइमर, ऑटिज्म, मूवमेंट डिसऑर्डर, अवसाद, मूड डिसऑर्डर, सेरेब्रल पाल्सी, न्यूरो संबंधी विभिन्न बीमारियां, और ह्रदय रोग डिमेंशिया आदि रोगों में पीड़ित लोगों का इलाज करता है| वह रोगी के विचारों को रचनात्मक तरीके से व्यक्त करने में मदद करता है| यह थैरेपी व्यक्तिगत और सामूहिक दोनों स्तर पर प्रदान की जाती है| कला चिकित्सक मरीज की बातों को समझने के लिए कला की विभिन्न विधाओं जैसे चित्रकला, नाटक, संगीत, फोटोग्राफी, मूर्तिकला, लेखन आदि का इस्तेमाल करता है| वह रोगी द्वारा तैयार किए गए कला कार्य के जरिए उसकी दुनिया में जाने का प्रयास करता है और उसके अंदर किस तरह के विचार चल रहे हैं उनको समझने की कोशिश करता है| फिर वह उनकी भाषण, उनकी मानसिक स्थिति और सामाजिक कामकाज में सुधार लाने में मदद करता है|
बढ़ रहा चलन :
देश के सभी शहरों में कला चिकित्सा से इलाज का प्रचलन बढ़ता जा रहा है| निजी अस्पतालों में कई गंभीर और लंबे समय तक इलाज की पद्धतियों में यह कारगर साबित हो रही है| अस्पतालों में कला चिकित्सा का इस्तेमाल करने वाले मरीजों की संख्या बढ़ रही है| मरीजों की मनोदशा को समझने के लिए यह पद्धति उपयोग में लाई जा रही है| तनाव प्रबंधन में कला चिकित्सा का काफी इस्तेमाल किया जाता है| तनाव और अवसाद को दूर करने में यह सबसे बेहतरीन उपचार साबित हो रहा है|
शिक्षा :
कला चिकित्सा चिकित्सा और कला दोनों में प्रशिक्षित होते हैं| वह मनोविज्ञान और मानव विकास दोनों विषयों में माहिर होते हैं| वह इन दोनों विषयों में स्नातकोत्तर डिग्री हासिल कर चुके होते हैं| एक कला चिकित्सक बनने के लिए रचनात्मक होना बेहद जरूरी है क्योंकि इसमें कला के इस्तेमाल द्वारा एक अन्य व्यक्ति के सामान्य व्यवहार की समीक्षा के साथ उनकी मानसिक परेशानियों को भी दूर करने की क्षमता होनी चाहिए|
कला चिकित्सकों की नियुक्ति विद्यालय, कारागार, कार्यस्थल या सामुदायिक केंद्र पर होती है| इसके अलावा वे स्वतंत्र रूप से भी परामर्शदाता के रूप में कार्य करते हैं| वह बच्चों से लेकर बुजुर्गों के साथ काम करते हैं| इस कार्य के लिए कला चिकित्सकों को अच्छा वेतन मिलता है|