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आईने- इ-दिल

23 जनवरी 2018

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सुना था हमने की ज़माने में आईने के टुकड़े हुआ करते थे पता तो अब चला हमे वो आईने नही दिल हुआ करते थे

Rahul varsatiy parmar

उर्फ़

Aka निशार सिरफ

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