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आधे रास्ते से लौट आए तुम,आख़िर क्यूँ??क्या घबरा गये थे तुम,क्या डर गए थे तुम।क्या नहीं देखा? तुमने,रास्ते में मेहनत,करती चीटीं को।क्या नहीं देखा? तुमने,दीवाल पर चढती बार-बार,फिसलती मकड़ी को