महामहिम राष्ट्रपति को किसानों के मुद्दे पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सांसदों द्वारा अपने नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में विरोध मार्च कर ज्ञापन सौंपने की अनुमति देने के बजाए धारा 144 लागू किये जाने पर राहुल गांधी को यह कहना पड़ गया कि देश में ‘‘लोकतंत्र समाप्त‘‘ हो गया है। रात्रि की अंधकार की गहरा
[1] भारतीय संस्कृति की आत्मा इस देश की विविध भाषाओं के माध्यम से अभिव्यक्ति प्राप्त करती है। भारत की सभी भाषाएँ और उनकी साहित्यिक विरासत सबकी साझी संपदा है और उसे सभी देशवासियों ने समृद्ध किया है, चाहे वे हिंदू हों या मुसलमान या किसी अन्य धर्म-संप्रदाय के अनुयायी। इनमें
जाति और राजनीति के हिसाब-किताब को देखें तो साफ हो जाता है कि पिछला दलित-पिछड़ों का उभार कोई लालू- नीतीश - मुलायम जैसे नेताओं का करिश्मा नहीं था, बल्कि वह जाति और राजनीति के रिश्तों की सहज उपज था। इन नेताओं ने उसी उभार की फसल काटी । जैसे जातिमें पैदा होने के लिए कुछ करना नहीं होता है। वैसे ही जाति की
लखनऊ में मोदी का संदेश - आतंक की मदद करने और पनाह देने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. और एक बार पहले भी बाबा साहब भीम राव अंबेडकर की जयंती पर मोदी जी ने कहा था - कि अत्याचार की कोई भी घटना समाज पर कलंक है. सवाल ये है कि क्या ये बातें मात्र