इतना शौक मत पालिये हज़ूर कि वो गुनाह बन जाए,
गुनाह इतने भी मत कीजिये कि वो आदत बन जाए.
क़त्ल कर मासूम बन जाने की तुम्हारी अदा भी खूब है,
दाग दामन के मिटाने का तुम्हारा हुनर भी खूब है.
आशिक है तेरे और आशिकी है काम हमारा ,
क़त्ल करना मासूम बन जाना है काम तुम्हारा. (आलिम)