* आत्मनिर्भर बने हम *
दे अपने सपनो को नयी उड़ान
अपनी बनाए एक अलग पहचान
जहा ना रौद सके कोई कभी
भी आपके सपनो को तो
ना बिखेर सके आपके घरौन्दो को
ना तौल सके आपके विचारो
ना उंगली उठाए कोई आपके संस्कारो पे
ना हो वहा कोई जाति पाति की दीवारे
ना हो कोई ओछी राजनीति की बाते
ना हो कोई मनमुटाव किसी से
ना हो झिझक कभी कोई किसी से
जहा ना आए बंद कमरो से सिसकियां
जहा आपके औकात की बात ना हो
आइए ऐसा सुन्दर जहां हम बनाए
आइए आशा की एक नयी लौ जलाए
कर ले खुद को सशक्त इतना कि
कोई आपको गिराने की हिम्मत ना करे
अपने अंदर नयी ऊर्जा का संचार करे
अपनी बुराईयो का करें तिरस्कार हम
अपने अंदर के इन्सानियत को जगाए
अपने पंखो को नयी जान तो दे हम
अपने अंदर स्फूर्ति का संचार करे
आइए नये भारत के अभ्युदय में
अपना कोई हम योगदान करे
ना रहे कोई भूखा जहां
ना तड़पे कोई बीमारी से जहां
ना हो किसी गरीब का बटुआ खाली जहां
आइए हम सब मिल ले ये जिम्मेदारी
नये भारत के निर्माण मे दे अपनी भागीदारी
मोदी जी के बातो का करे सम्मान हम
आत्मनिर्भरता का कर पालन हम
सशक्त भारत के निर्माण में अपनी
योग्यता का आईए निर्वाह करे हम
आत्मनिर्भर बन हम देश को और
भी सशक्त हम बनाएं ऐसा भारत हम बनाएं।
सुरंजना पाण्डेय