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कभी खुद से हारा नही..

31 अक्टूबर 2022

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हमारा आज तो जान ही लिए है बाबू अगर कल की फिकर हो कल फिर मिलना
मुझसे बराबरी तो किसीकी होती नही हा ये है की मैं कभी खुद से हारा नही
मेरी मा ने मुझे कुछ अलग तरीके से गढ़ा है ये दुनिया मुझे हारा हुआ मानती मैं खुद से हारा नहीं
जीत मेरी वक़्त पर उधार है एक एक कर सारा हिसाब लिख रहा हूँ अभी मैं पूरा हारा नही
अगर वक़्त मिलेगा तो बैठ कर वक़्त के साथ हिसाब करूँगा देखना कुछ वक़्त के लिए
वक़्त खुद को मुझसे हरा हुआ पायेगा जीत मुमकिन होगी मेरी मैं कभी खुद से हारा नही

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हमारा आज तो जान ही लिए है बाबू अगर कल की फिकर हो कल फिर मिलनामुझसे बराबरी तो किसीकी होती नही हा ये है की मैं कभी खुद से हारा नहीमेरी मा ने मुझे कुछ अलग तरीके से गढ़ा है ये दुनिया मुझे हारा हुआ मानती म

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