20 दिसम्बर 2021
बस जिंदगी से चाह यही है
हर दिन मुश्कराना ही सही है
गम में रहना दुश्मनो की खता है
प्यार करने वालो की दवा यही है
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I m a poetry writerD
<p>बस जिंदगी से चाह यही है</p> <p>हर दिन मुश्कराना ही सही है</p> <p>गम में रहना दुश्मनो की खता है</p
<p>अगर मै कही खो जाऊ</p> <p>फिर ना कभी लौट कर आऊ</p> <p>बस हमारा नाम याद रखना</p> <p>तुम चाहो जैसा अ
कई बार सिफारिश की रब से एक बार भी सुनवाई ना हुई रब सेगवाह सबूत सब इकट्ठे कियेकिस्मत की लकीरों ने सब खारिज कियेगुनाह थे सारे वक़्त के किये हुएसजा मिली हमे मुहब्बत किये हुएएक ही ख्वाहिश थी तेरे साथ
हमारा आज तो जान ही लिए है बाबू अगर कल की फिकर हो कल फिर मिलनामुझसे बराबरी तो किसीकी होती नही हा ये है की मैं कभी खुद से हारा नहीमेरी मा ने मुझे कुछ अलग तरीके से गढ़ा है ये दुनिया मुझे हारा हुआ मानती म