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Badal Singh की डायरी

Badal Singh Kalamgar

6 अध्याय
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badal singh ki dir

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पुस्तक के भाग

1

बस जिंदगी से चाह यही

20 दिसम्बर 2021
1
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<p>बस जिंदगी से चाह यही है</p> <p>हर दिन मुश्कराना ही सही है</p> <p>गम में रहना दुश्मनो की खता है</p

2

अगर मै कही खो जाऊ

24 दिसम्बर 2021
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<p>अगर मै कही खो जाऊ</p> <p>फिर ना कभी लौट कर आऊ</p> <p>बस हमारा नाम याद रखना</p> <p>तुम चाहो जैसा अ

3

कई बार सिफारिश की रब से

25 जुलाई 2022
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कई बार सिफारिश की रब से एक बार भी सुनवाई ना हुई रब सेगवाह सबूत सब इकट्ठे कियेकिस्मत की लकीरों ने सब खारिज कियेगुनाह थे सारे वक़्त के किये हुएसजा मिली हमे मुहब्बत किये हुएएक ही ख्वाहिश थी तेरे साथ

4

कभी खुद से हारा नही..

31 अक्टूबर 2022
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हमारा आज तो जान ही लिए है बाबू अगर कल की फिकर हो कल फिर मिलनामुझसे बराबरी तो किसीकी होती नही हा ये है की मैं कभी खुद से हारा नहीमेरी मा ने मुझे कुछ अलग तरीके से गढ़ा है ये दुनिया मुझे हारा हुआ मानती म

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कभी खुद से हारा नही..

31 अक्टूबर 2022
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हमारा आज तो जान ही लिए है बाबू अगर कल की फिकर हो कल फिर मिलनामुझसे बराबरी तो किसीकी होती नही हा ये है की मैं कभी खुद से हारा नहीमेरी मा ने मुझे कुछ अलग तरीके से गढ़ा है ये दुनिया मुझे हारा हुआ मानती म

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कभी खुद से हारा नही..

31 अक्टूबर 2022
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हमारा आज तो जान ही लिए है बाबू अगर कल की फिकर हो कल फिर मिलनामुझसे बराबरी तो किसीकी होती नही हा ये है की मैं कभी खुद से हारा नहीमेरी मा ने मुझे कुछ अलग तरीके से गढ़ा है ये दुनिया मुझे हारा हुआ मानती म

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