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जो रूठे थे उन्हें फिर से , मनाने चल दिए है हम । शहर उजड़ा हुआ फिर से , बसाने चल दिए है हम ।। मेरे महबूब का चेहरा , भी इक दिन मुस्कुराएगा ,, चलेगा जिस सफर पर ,खूबसूरत हो ही जायेगा ,, सफ़र में उनक