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पत्थरों का महल

Abhishek Mishra

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यह पुस्तक काव्य पर आधारित है आप सब को इस पुस्तक में एक एक गजल , कविता , और भजन को पढ कर ऐसा प्रतीत होने वाला है की जैसे आप अपने फिर से अपने भूत काल में विचरण कर रहें है | आप सभी पाठकों से आग्रह है की यह पुस्तक मेरी पहली पुस्तक है और मै कोई कवी नहीं हूँ बस मेरे मन में जो आता है उसे पंक्तिवद्ध कर देता हूँ हो सकता है इसमें कई त्रुटियाँ हो पर आप सब से करवद्ध निवेदन है की त्रुटियों को नजरअंदाज कर के सिर्फ भाव और कविता पर ध्यान दें ! जय माँ शारदे  

pattharon ka mahal

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