मैं एहसान जाफरी हूं... सुनिए मेरे और गुलबर्ग के बसने और उजड़ने की कहानी
पिछले कई सालों से हरथोड़े दिन के अंतर पर अखबारों में मेरे बारे में कुछ छपता ही रहता है। टीवी मेंकुछ न कुछ आता ही रहता है। बहुत सारी कहानियां, कुछ सच कुछ सच्चाई सेपरे। तो मुझे लगा कि खुद ही दुनिया को अपनी पूरी कहानी बता दूं। तो सुनिये मैं कौनथा और क्यों मारा गया?मेरीपैदाइश आज़ादी से पहले ही 1929 में