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नागपंचमी

3 अगस्त 2022

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श्रावण मास में शिव शक्ति आएं।
सावन फुहारों ने अभिषेक किए।
विष्णु चतुर्मास हेतु सोने चले गए।
जग को आशुतोष के हवाले किए।।
पूरा एक महीना शिव शम्भू के नाम।
भक्त करें प्रतिदिन शिव शक्ति का पूजा- पाठ।।
जटा में गंगा माथे पर चन्दा।
गले सर्प माल और विष पी कहलाएं नीलकंठ।।
जनमेजय और बासुकि नागों के देवता।
करें कल्याण व रक्षा जन -जन की जय बोलता।।
नागपंचमी पर्व पर सर्पों की होती पूजा।
दूध,लावा चढता और कुछ ना दूजा।।
गुड़िया बन पीटी जाती।
भाईयों संग हंसी ठिठोली।।
तरह -तरह का पकवान है बनता।
श्रावणी मास का मेला लगता।।
कांवड़िया कांवड़ ले शिव मंदिर जाते।
बम- बम- बम भोले सप्रेम बोलते जाते।।
नागपंचमी पर्व है अद्भुत।
घर- घर शिव परिवार का श्रृंगार है सब कुछ।।
नागों के देवता करिए सबकी रक्षा।
हमारी भक्ति से प्रसन्न हो सर्व कल्याण की दे दो भिक्षा।।
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रचनाएँ
हमराही
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मेरे शब्दों की रसधार है हमराही।
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नागपंचमी

3 अगस्त 2022
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श्रावण मास में शिव शक्ति आएं।सावन फुहारों ने अभिषेक किए।विष्णु चतुर्मास हेतु सोने चले गए।जग को आशुतोष के हवाले किए।।पूरा एक महीना शिव शम्भू के नाम।भक्त करें प्रतिदिन शिव शक्ति का पूजा- पाठ।।जटा में गं

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राष्ट्रीय तिरंगा

1 अगस्त 2022
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मेरी शान है तिरंगा।मेरी जान हैं तिरंगा।।मां भारती की पहचान तिरंगा।हिंदूस्तानियों की आन तिरंगा।।वीरों की चाहत है तिरंगा।शहादत के तन से लिपट इतराएं तिरंगा।।हवाओं से खुशबू दुनिया में फैलाएं तिरंगा।

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फ्रेंडशिप डे

3 अगस्त 2022
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आजादी का अमृत महोत्सव

4 अगस्त 2022
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आजादी का अमृत महोत्सव। पचहत्तरवें वर्ष को देश मना रहा है पर्व।। वीर रणबांकुरे कुर्बानी दे कर आजादी का अमृत बरसाया। गुलामी की जंजीरों को तोड़ दिया और मां भारती का गौरव बढ़ाया।। आजादी है हमको जान से प्य

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कालचक्र

6 अगस्त 2022
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जब काल मनुज पर छाता है। बुद्धि -विवेक मर जाता है।। हरिश्चंद्र जैसा सत्यवादी राजा काल से कहां है बच पाया। सुदामा जैसा सदपुरुष निर्धनता से नहीं पिंड छुड़ा पाया।। काल का वक्त जब आता है। सब कुछ तहस- नहस क

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दोस्ती: अनमोल गहना

6 अगस्त 2022
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दोस्ती है इक अनमोल गहना। जो भी मन से जुड़ा उसने निभाया दोस्ताना।। दोस्ती से अलंकृत हो होती नहीं दुनिया की परवाह। उन्मुक्त आकाश में विचरण करते दोस्त होते हैं हम बेपरवाह।। दोस्ती है जीवन का सुंदर सपना।

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