आजादी का अमृत महोत्सव।
पचहत्तरवें वर्ष को देश मना रहा है पर्व।।
वीर रणबांकुरे कुर्बानी दे कर आजादी का
अमृत बरसाया।
गुलामी की जंजीरों को तोड़ दिया और
मां भारती का गौरव बढ़ाया।।
आजादी है हमको जान से प्यारी।
बहुत मुश्किल से मिली है यह आजादी।।
उन्मुक्त आकाश है सबको प्यारा।
आजादी का अमृत महोत्सव है अंश हमारा।।