मेरा लेखन - अनुभूति , संवेदना और जीवन्तता..!
जीवन में घटित हुआ कुछ भी, जो मन पर अंकित हो जाए लेखन में तब्दील हो ही जाता है | चिंतन लेखन को दिशा देता है, और लेखन जीवन को |सच कहूँ तो लेखन से अनुशासन, संकल्प, चिंतन जैसी कई सकारात्मक प्रवृतियों ने मुझमे जन्म लिया |मेरे लिए लेखन सदैव ही आत्म-सुधार का कार्य करता है | शायद व्यक्तित्व के अनुसार ही लेख