करेंसी बैन ने जीवन परिवर्तन कर दिया। 10-12 दिन से जहाँ देखो वहाँ बस कतारें ही नज़र आ रही है। यह स्थिति किसी के लिए बड़ी दर्द दायीं है तो कोई इस हाल का लुत्फ़ उठा रहा है। मैंने अपनी समझ के हिसाब से इसे शब्द देने की कोशीश की...
लगी है ऐसी कतारें
बैंक और डाक खानों पर
सन्नाटा चींख रहा है
बाज़ार में खुली दुकानों पर
शादी ब्याह का माहोल हो
या घर में कोई बीमारी
हाथ में लिए पैसा भी
सब पाते हैं लाचारी !
कुछ अपनी नोटों से,
कुछ दूसरे हवालों से
परेशान सबका हाल है
पेहली बार कम या छोटी नोट
वाला
लगता ज़्यादा खुशहाल है।
अफ़रातफ़री के माहोल में भी
कुछ तो अच्छी सीख है जो लो
बस नॉट नहीं लोग भी कमाओ
कागज़ से ही ना सब तोलो।
- ताइर