shabd-logo

अखबार

15 सितम्बर 2021

33 बार देखा गया 33

अखबारों में लिपट कर उसने सुर्खियां बटोरी...

कहता है वो...

इसकी तासीर गर्म होती है।।।

Piyush Trivedi की अन्य किताबें

मीनू द्विवेदी वैदेही

मीनू द्विवेदी वैदेही

बहुत खूबसूरत पंक्तियां 👌 आप मेरी कहानी पर अपनी समीक्षा जरूर दें 🙏

10 सितम्बर 2023

1

अखबार

15 सितम्बर 2021
3
5
1

<p>अखबारों में लिपट कर उसने सुर्खियां बटोरी...</p> <p>कहता है वो...</p> <p>इसकी तासीर गर्म होती है।।

2

जागती आँखे

16 सितम्बर 2021
3
5
4

<div>ये लाल रातों में क्या हुआ है कि इनका रंग उड़ गया है...</div><div>ये ख़ामोश आँखे बस रात भर जाग कर

3

खामोश शहर

29 अक्टूबर 2021
1
0
2

<div>कुछ "दबे पाँव" ये शहर में चुपचाप चले आते हैं, कुछ सपने अपने बस्ते की ऊपर वाली जेब मे रख कर जिनक

4

कुछ खोया...कुछ कुछ पाया

11 अगस्त 2023
1
2
1

हथेली पर तुम्हारा नाम लिखते हैं... मिटाते हैं...मेट्रो में खड़े खड़े सुमित यहीँ सोच रहा था कि नए शहर ने क्या दिया है, शायद पुराने दोस्त खोये जो शायद दोस्त थे भी नही...वक़्त के साथ दोस्त भी तो कम हो जाते

5

रेडियो लम्हा

11 अगस्त 2023
1
1
1

नमस्कार आप सुन रहे हैं विविध भारती, मीडियम वेव और शार्ट वेव पर अभी आप सुनेंगे राम चरित मानस के कुछ अंश...हमारे दिन की शुरुआत तो कुछ इस तरह होती थी सुबह 7 बजे से ऑन हुआ रेडियो दिन भर के खालीपन को दूर क

6

पराया होता हुआ अपना शहर...अपना होता हुआ पराया शहर

12 अगस्त 2023
1
1
1

"जब शहर छूटते हैं तो क्या होता है?"ये सवाल ही गलत लगता है मुझे, सवाल ये होना चाहिए "जब शहर छूटते है तो कैसा लगता है?"ये बस एक या आधे कागज़ भर की कहानी नही है, ये कहानी उन तमाम सपनो, अपनो और उनके स

7

।।।मंदी।।।

12 अगस्त 2023
1
1
2

सवालों की क़ीमत में जवाबों पर मंदी हावी है.... कुछ इस तरह नफ़े और नुकसान में गुज़र रही ज़िन्दगी अपनी।।

8

रेडियो लम्हा-2

17 अगस्त 2023
0
0
0

हमारी तमाम बातें अब तो क़ैद हैं इस रंगीन पिटारे मे...मगर इश्क़ तुमसे अब भी रेडियो के दौर वाला है।।।कहते हैं ना वक़्त गुज़रता है चीजें बदलने लगती हैं शहर का चौराहा, कॉलेज की ज़िंदगी और अब तो इश्क़ भी परवान च

---

किताब पढ़िए