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आख़री मुलाक़ात..

8 जनवरी 2022

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मैंने गिरगिड़ा अपनी प्यार क़ी दुहाई देती रहीं..थी
फिर भी वो मिलना आखिरी मुलाक़ात हो गई थी
कितना हीं तो तन मन धन सब हीं लुटाया था उसपे
पर उसे तो मेरी हर हरकत बकबास लगने थे..लगे
कैसे कैसे ना यक़ीन दिलाये उसे के मैं मर रहीं हुँ तुझपे
फिर भी नजर ना... हीं फेरी वो एक बार भी मुझपे..
इतना सितम भी ढाता.. हैं कोई क्या अपने चाहने बालों पर
परवाह ना.. हीं हो रहीं उसे के मैं हुये जा रहीं हुँ.. बेघर..
क्या ऐसे भी तड़पा तड़पा के मारता हैं कोई अपनों को...
नादान थे वे अपना माने जा रहीं थी....ऐसे हीं वो सबको
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Pragya pandey

Pragya pandey

सुंदर रचना 🙏🙏🙏 मेरी रचना पढ़े और मार्गदर्शन करे🙏🙏🙏🙏

8 जनवरी 2022

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रचनाएँ
खुशनुमा पल हरपल
0.0
खो जाएगे पढ़ने में, आगे क़ी लिखाई ऐसी होगी..होश में लाने के.. लिये भी...फिर.. से..कलम और रोशनाई हीं काम आएगी 🤗🤗।
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पुष्प की अभिलाषा

26 अक्टूबर 2021
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<p>मैं हूँ पुष्प संग कली</p> <p>लुभाऊ मै खुब तितली</p> <p>जो ढूंढे मुझे गली-गली</p> <p>मैं हूँ पुष्प

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नारी मंथन

14 नवम्बर 2021
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🙏🏻 भाई एवं बहनोंं इतनी प्रयास के बावजूद भी नारियो पर अन्याय होना रुक नहीं रहा है । ये तो बुरी बात हुई ना । अभी भी इतने शिक्षा के प्रसार प्रचार के बाद भी बहुत ही तबको में &nbs

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सेम हीं..

8 जनवरी 2022
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आ तुम नजर नहीं आते मुझे तो.. हम वेचैन हो जाते... क्या ऐसी..नौबत तेरे संग भी.. हैं..हो पाते ... 🤗🤗🤗🤗🤗🤗🤗🤗🤗🤗🤗🤗 बताना जरूर हीं तुम...मेरे हमसफ़र प्यारे शहजादे.... ख़्वाबों में क्या..

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विरह..

8 जनवरी 2022
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🌿💓🌿💓🌿💓🌿💓🌿💓 यें कैसी विरह..जान ले छोड़ेगी लगता हैं तो बस....अब ऐसा हीं यें विरह.... बस प्यार में होता हैं..क्या.. जो यें मुझें...अब महसूस हैं हो रहा.... यें.. तो.. अब..ऐसी तड़प.. जान ले छ

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आख़री मुलाक़ात..

8 जनवरी 2022
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🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿 मैंने गिरगिड़ा अपनी प्यार क़ी दुहाई देती रहीं..थी फिर भी वो मिलना आखिरी मुलाक़ात हो गई थी कितना हीं तो तन मन धन सब हीं लुटाया था उसपे पर उसे तो मेरी हर हरकत बकबास लगने

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कोई मिलन..

8 जनवरी 2022
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🌺💮🌺💮🌺💮🌺💮 यें कैसी विछड़न.. क्यों गये वहाँ जहाँ न.. हो सके कोई मिलन.. विरह क़ी बेला.. कैसी यें बेला.. कैसे करुँ कोई.. आस.. जहाँ मिलन क़ी ना कोई आस.. ऐसे छोड़ कोई जाता हैं क्या.. कोई ऐसे छोड़ विरह दे

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कोई मिलन..

8 जनवरी 2022
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<div><span style="font-size: 1em;">🌺💮🌺💮🌺💮🌺💮</span></div><div align="left"><p dir="ltr"> यें कैसी विछड़न..<br> क्यों गये वहाँ जहाँ न..<br> हो सके कोई मिलन..<br> विरह क़ी बेला..<br> कैसी यें बेला.

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उमंग लिये..

8 जनवरी 2022
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🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 टूटने क़ी कगार के वावजूद भी अगर.. नई शुरुआत.. के उमंग लिये.. फिर से नई शुरुआत जा किये.. भूल सारे दुःख,पीड़ाएँ.. खुशियाँ ढूंढ आ गले लगाएँ इस मामले में सोच तो जाएं ढूंढ ढूंढ ख

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तड़प

8 जनवरी 2022
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🌿💓🌿💓🌿💓🌿💓🌿💓यें कैसी विरह..जान ले छोड़ेगीलगता हैं तो बस....अब ऐसा हींयें विरह.... बस प्यार में होता हैं..क्या..जो यें मुझें...अब महसूस हैं हो रहा....यें.. तो.. अब..ऐसी तड़प..जान ले छोड़ेगी.. हीं.

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सलूक

8 जनवरी 2022
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मत करों मुझसे गैरों से.. सलूक.. ख़बर.. मुझें भी हैं.. तुम मुझें अपना मानते नहीं.. पर यें मत सोचो क़े.. यें.. तुम इसे आसानी से दोगे..इसे तोड़ .. क्योंकि तुम तो बस तोड़ना जानते हो..ना हीं सीखे हो..तुम जोड़..

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