टूटने क़ी कगार के वावजूद भी अगर..
नई शुरुआत.. के उमंग लिये..
फिर से नई शुरुआत जा किये..
भूल सारे दुःख,पीड़ाएँ..
खुशियाँ ढूंढ आ गले लगाएँ
इस मामले में सोच तो जाएं
ढूंढ ढूंढ खुशियाँ गले लगाएं
कुछ भी मुश्किल नहीं हैं भाई
शुरुआत..तो कम से कम..करें
फिर जरूर से मिलें मलाई..
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