व्यंग्य लेखन, कहानीयां जो परम्पराओं को नहीं मानती, जो लिखा वो सोचने को मजबूर करता है यथार्थ जो लिखने को प्रेरित करता है | पाठक के लिए अधूरे संवाद सोचने को मजबूर करते है |
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शराबी पति को खुला पत्र हे प्राणनाथ, यहाँ सब लोग कुशल मंगल है। इस पत्र को लिखते हुए मुझे अपने वे दिन याद आ रहे है, जब हम पहली बार राशन की दुकान पर मिले