उदास हूँ मैं
इन लम्होँ का कायल हूँ,
इन तिरछी नज़रो से घायल हूँ,
इस फुर्सत के वक़्त के रुखसत से
उदास हूँ मैं।
इन लहरों का कायल हूँ,
इन कटे साहिलों सा घायल हूँ,
इस अनसुनी और अनकही गाथा से
उदास हूँ मैं।
इन बारिशों का कायल हूँ,
इन बंजारों सा घायल हूँ,
इस झन्जर के झंझट से
उदास हूँ मैं|