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अन्धकार पर प्रकाश की विजय

23 अक्टूबर 2022

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भारत में प्राचीन काल से दीपावली को विक्रम संवत के कार्तिक माह में गर्मी की फसल के बाद के एक त्योहार के रूप में दर्शाया गया। पद्म पुराण और स्कन्द पुराण में दीपावली का उल्लेख मिलता है। माना जाता है कि ये ग्रन्थ पहली सहस्त्राब्दी के दूसरे भाग में किन्हीं केंद्रीय पाठ को विस्तृत कर लिखे गए थे। दीये (दीपक) को स्कन्द पुराण में सूर्य के हिस्सों का प्रतिनिधित्व करने वाला माना गया है, सूर्य जो जीवन के लिए प्रकाश और ऊर्जा का लौकिक दाता है और जो हिन्दू कैलंडर अनुसार कार्तिक माह में अपनी स्तिथि बदलता है। कुछ क्षेत्रों में हिन्दू दीपावली को यम और नचिकेता की कथा के साथ भी जोड़ते हैं। नचिकेता की कथा जो सही बनाम गलत, ज्ञान बनाम अज्ञान, सच्चा धन बनाम क्षणिक धन आदि के बारे में बताती है; पहली सहस्त्राब्दी ईसा पूर्व उपनिषद में लिखित है।

दिपावली का इतिहास रामायण से भी जुड़ा हुआ है, ऐसा माना जाता है कि श्री राम चन्द्र जी ने माता सीता को रावण की कैद से छुड़ाया तथा उनकी अग्नि परीक्षा के उपरान्त, 14 वर्ष का वनवास व्यतीत कर अयोध्या वापस लोटे थे। अयोध्या वासियों ने श्री राम चन्द्र जी, माता सीता, तथा अनुज लक्षमण के स्वागत हेतु सम्पूर्ण अयोध्या को दीप जलाकर रोशन किया था, तभी से दीपावली अर्थात दीपों का त्यौहार मनाया जाता है। लेकिन आपको यह जानकर बहुत हैरानी होगी की अयोध्या में केवल 2 वर्ष ही दिपावली मनायी गई थी।[16]

७वीं शताब्दी के संस्कृत नाटक नागनंद में राजा हर्ष ने इसे दीपप्रतिपादुत्सवः कहा है जिसमें दीये जलाये जाते थे और नव वर-बधू को उपहार दिए जाते थे। 9 वीं शताब्दी में राजशेखर ने काव्यमीमांसा में इसे दीपमालिका कहा है जिसमें घरों की पुताई की जाती थी और तेल के दीयों से रात में घरों, सड़कों और बाजारों सजाया जाता था। फारसी यात्री और इतिहासकार अल बेरुनी, ने भारत पर अपने ११ वीं सदी के संस्मरण में, दीपावली को कार्तिक महीने में नये चंद्रमा के दिन पर हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला त्यौहार कहा है।

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दीपावली

23 अक्टूबर 2022
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सुख शान्ति और समृद्धि का पर्व है दीपावली ।----- भारतीय जन जीवन और भारतीय संस्कृति में सांस्कृतिक पर्व और हर त्योहार आनन्द मंगल के परिचायक है ।इसी तरह दीपावली तो जन जन के तन मन को आलोकित करते हुए लोक आ

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दीपावली का त्यौहार

23 अक्टूबर 2022
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भारतवर्ष में मनाए जाने वाले सभी त्यौहारों में दीपावली का सामाजिक और धार्मिक दोनों दृष्टि से अत्यधिक महत्त्व है। इसे दीपोत्सव भी कहते हैं। ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ अर्थात (हे भगवान!) मुझे अन्धका

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अन्धकार पर प्रकाश की विजय

23 अक्टूबर 2022
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खुशीयों की दिवाली

24 अक्टूबर 2022
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आज जब चारों ओर भाग- दौड़ मची हुई है। कैरियर को लेकर कितनी अथक मेहनत करनी पड़ती है। बड़ी मुश्किल से जब हम जब किसी पद प्रतिष्ठा में स्थापित हो पाते है। तब हमारी आकांक्षाए बढ़ जाती है। पहले यही कोई ले

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दीपावली

28 अक्टूबर 2022
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आज फिर दिवाली आई हैदेखो-देखो किस तरह अन्धकार पर रोशनी छाई है ,हर आवास में खुशियों का आवास है,हर आवास में जलता दिया नई उम्मीदों का आगाज़ है,आज फिर दिवाली आई हैदेखो देखो लक्ष्मी घर आई हैस्वादिष्ट भोजन क

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धनतेरस

30 अक्टूबर 2022
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धनतेरस पर धनिया, झाड़ू और नमक क्यों खरीदना चाहिए ? यह चीजें खरीदना शुभ होता है। धनिया खरीद कर क्यारी मे बिखेर दीजिए जैसे जैसे वह बढेगी या कम बढेगी या नही बढेगी उसी तरह यह आपके पास धन आने का सूच

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