देखो-देखो किस तरह अन्धकार पर रोशनी छाई है ,
हर आवास में खुशियों का आवास है,
हर आवास में जलता दिया नई उम्मीदों का आगाज़ है,
आज फिर दिवाली आई है
देखो देखो लक्ष्मी घर आई है
स्वादिष्ट भोजन के संग मिठी मिठाइयां माँ ने अपने प्यारे हाथो से बनाई है,
नए सुंदर तोफे और आशीर्वाद मेरी आज की कमाई है,
धन्यवाद उस ईश्वर का जिसने मेरी इतनी खुशहाल और सुखद ज़िंदगी बनाई है,