शक की कुछ बूंदे
जहर की बूंदों की तरह
विश्वास की डोर को
पल भर में
बिखेर के रख देती है
रिश्ता विश्वास के अभाव में
तड़प तड़प कर दम तोड़ देता हैl
23 दिसम्बर 2021
शक की कुछ बूंदे
जहर की बूंदों की तरह
विश्वास की डोर को
पल भर में
बिखेर के रख देती है
रिश्ता विश्वास के अभाव में
तड़प तड़प कर दम तोड़ देता हैl