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प्रिय पाठकों, मैं अनुभा गुप्ता एक गृहणी हूं। मैंने अपने जीवन को जीते समय बहुत सारी अनुभूतियों को जिया और समझा है। कुछ पढ़ने की शौकीन मैं कुछ-कुछ सिखने लगी अपने कॉलेज जीवन से ही जिनमें उपन्यास, कविताएं, शायरी, एवं लघुकथाएं शामिल हैं। इसी बीच मेरी शादी हो गई। नए जीवन में नए सड़क पर मैं चल पड़ी। जिम्मेदारियां बढ़ी और इन्हे निभाते-निभाते कब समय बीत गया पता ही नही चला। खैर वक्त ने फिर उन पलों को जीने का मौका दिया है उन रचनाओं को जिसे मैंने सहेज कर रखा था और जो मैं अभी लिखती हूं इन सबको आपके समक्ष रख कर अपने आपको कृतज्ञ समझूंगी।

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कई अर्से बाद

कई अर्से बाद

प्रिय पाठकों कहानी "कई अर्से बाद" एक रोचक और प्रेम कहानी है। बहुत सारे पात्र हैं जिसमे निखिज जो अपने प्यार को पाकर भी कुछ समझ नहीं पाया कि क्यूं किस्मत ने अपने रूख बदल लिया? कौन है सच्चा जीवन साथी? नेहा या निशा या फिर घूंघट वाली। दोस्त की बात करे

7 common.readCount
2 common.articles
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ईबुक:

₹ 40/-

प्रिंट बुक:

171/-

कई अर्से बाद

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प्रिय पाठकों कहानी "कई अर्से बाद" एक रोचक और प्रेम कहानी है। बहुत सारे पात्र हैं जिसमे निखिज जो अपने प्यार को पाकर भी कुछ समझ नहीं पाया कि क्यूं किस्मत ने अपने रूख बदल लिया? कौन है सच्चा जीवन साथी? नेहा या निशा या फिर घूंघट वाली। दोस्त की बात करे

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