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मेरा परिश्रम मेरी सफलता है। मेरा विश्वास मेरी आशा है। फसा हूँ जीवन के इस भमर में। लिखूँ कुछ इस जहां के लिए बस ह्दय में यही एक अभिलाषा है। "न मैं ज्ञानी हूँ न मैं अज्ञानी हूँ न हूँ मैं मूर्ख मैं हूँ एक साधारण सा इंसान। पंच तत्व मिल काया वनी अनुज दिया मात पिता ने नाम।।"

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