आरज़ू है मेरी बस ये रहूं तेरी पनाहो में। गुजर जाए कई सदियां रहूं मैं तेरी बांहों में। तेरी सांसों की खुशबू से महक जाए मेरी सांसे। कभी तनहा नहीं गुजरे तुम्हारे बिन मेरी रातें। मेरे जूड़े के गजरे से तेरी रातें महक जाए। सुना है ये मुहब्बत में कि हर आशिक दिवाना है। कभी हंसता कभी रोता कभी वह मुस्कुराता है।