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वसन्त घनाक्षरी छन्द

25 नवम्बर 2022

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पात पात पंकज पखेरू पवि पावन पे 
पीत पट पावनपटीन दुपटीन पै
छाई पीतिमा है पग पग जग नग मग 
पादप पिपीलिका पुनीत पातकीन पै
पैंजनी पिनहाय पुनि पायन पलोटे जनु 
पीत परिधान पट लिपटे सुतीन्ह पै
पुलकि पराने पाप ताप संताप सब 
सन्त ह्वै वसन्त छाय गयो कुमतीन पै
        मन्द मन्द नन्दन अनन्दन नदी औ नद
          मन्द मन्द गौन मोह मदिरा सी छाई है
            महर महर रही महकि मही औ भौन 
             मलिन मुखीन मन मीन अंगड़ाई है
          ,,,  मुखर मिलिंद मृदु मधुर मुरज और
                मादक मृदंग धुनि सुनि हूक छाई है
                  मोहि मन मोहन को मोहिनी मनौती लै 
                     मानिनी मनैवे को वसन्त ऋतु आई है
बेरिन बबूरन वयारिन सों वाॅसन में
ऑकन पलाशन करीब कचनार में
गेंदन गुलावन नवीन औ पुरानन में 
कूलन दुकूलन में गिरि कन्दरान में
काक पिक कूकनि मेंशूलन में फूलन में
केविन कछारन में दसहू दिशान में
भायो मनभावन सुहावन वसन्त आज 
 डोलै मन हौले खुशी छाई अंखियान में
            सरसीरूहों पै सर सरिता सुकेशन पै
              सूरत सुहास सब साज हू सुहाई है
                साधक सुधीर सुमुखीन शुक सारिका ने
                 स्नेह रस सानी सरसानी सिद्ध पाई है
                  अलिन क्लिन संग कीन्ह छेडछाड कहुॅ 
                     डूब रंग  अंग अंग मोहिनी सी छाई है
              ,,,      कलि के सलोने श्यामा शयाम को सुनहरो साज
                       देखि सुधि आई ये वसन्त की दुहाई है
बामविधि बन्दन बनेंगे क्यों न बानक वै 
 बात बिक्री है बुद्ध बोध तो हमारो है
 बार-बर बारि बारि वारि सों बखेर बार 
 बैरिनि बरो है कैसा पीतरंग प्यारो है
 विंध्य विटपी की घनीभूत अटवी के मध्य 
 बनिन बनाय बनो रंग ढंग न्यारो है
 वाल वनिता पे बिन्दु सिन्ध सरिता पै कैसे
 रंग आज अपनो वसन्त ने पसारो है
          बातन में कामन में आनन विहानन में
           कानन कमानन वितान हू सुतान में
            मांगन में ऑगन में किलकिलकारिन में
             नारिन में गारिन में वाल पुरूषान में
             झांकनि में ताकनि मेंहासन विलासन में
              हारन पहारन निहारनि बनान में
             हृदि हृदयान औ मनान को चहेतो आज 
              ,वासन वसन्त छायो घर गलियान मे 

आचार्य राममोहन मिश्र की अन्य किताबें

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रचनाएँ
आचार्य राममोहन मिश्र की डायरी
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ऑखों के असंख्य रंगों। को कविता के माध्यम से दर्शाया गया है प्रकृति की इस अनुपम देन को घनाक्षरी छन्दों के द्वारा वर्णित किया गया है आध्यात्मिक पुस्तकें 1, परशुरामर्चनम भगवान परशुराम की स्तुतियाॅ एवम प्रार्थनायें 2 रेणुकार्चनम मांगेगा की स्तुतियाॅ एवम प्रार्थनायें
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आडम्बर

24 नवम्बर 2022
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काव्य शास्त्र विनोदेन कालो गच्छति धीमताम _____________सत्ता की कुर्सी पर निगाह को गड़ाए जग सूझता न और कुछ सदियाँ छली गयींचाटुकार चापलूस धन पद के लालचियों कीबेटियाॅ जमीर बेच मुगलों संग चली गय

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प्रभात

24 नवम्बर 2022
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साहित्य मन्दाकिनी। पभात वर्णन __________________निशिगते मुदिता अतिशोभिता प्रमुदिता बन कानन वल्लरी लसित पुष्प अनेक मनोहरा नवधरा नवरूप सहेजती सरसि सरसिज श्वेत कुम

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ब्रह्मसन्धि। संध्या सुन्दरी

24 नवम्बर 2022
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जल्द मेघ समान कला कलित नयनकोर खिची रमणीय है अर्ध इंदु लसित नथनासिका कर्णफूल नक्षत्र लटक रहे प्रकृति की हॅसती खिलवेलियाॅ बनवसन परिधान हरीतिमा सज संवर नभ से जगमग सहम उतर

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ब्रह्मसन्धि। संध्या सुन्दरी

24 नवम्बर 2022
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जल्द मेघ समान कला कलित नयनकोर खिची रमणीय है अर्ध इंदु लसित नथनासिका कर्णफूल नक्षत्र लटक रहे प्रकृति की हॅसती खिलवेलियाॅ बनवसन परिधान हरीतिमा सज संवर नभ से जगमग सहम उतर

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शरद ऋतु

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जगत त्रस्त किरण रविताप से तप तपाकर तृप्त अतृप्त सी मनहरण शशिशीतसमा सुखद शरद व्योम धरा पर छा गयी सरसती सरसर वहती पवन अतिमनोज्ञ प्रशान्त सभीत सी हृदय तंत्र विमर्दित अंग सब जनु अनंग

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वसन्त

25 नवम्बर 2022
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परम शीतल स्नेह स्वरस सरस सर सरोवर शान्त सुगम घना अतिमना विमना निशि चंद्र लख कमलिनी कर केलि मुदित हुई जगत जिष्णु सहिष्णु हो उष्णजब भुवनभास्कर भोरउदित हुआ परम पावन पीतमयी किरण जगत श्रृष्ट

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वसन्त

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पात पात पंकज पखेरू पवि पावन पे पीत पट पावनपटीन दुपटीन पैछाई पीतिमा है पग पग जग नग मग पादप पिपीलिका पुनीत पातकीन पैपैंजनी पिनहाय पुनि पायन पलोटे जनु पीत परिधान पट लिपटे सुतीन्ह पैपुलकि प

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वसन्त

25 नवम्बर 2022
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पात पात पंकज पखेरू पवि पावन पे पीत पट पावनपटीन दुपटीन पैछाई पीतिमा है पग पग जग नग मग पादप पिपीलिका पुनीत पातकीन पैपैंजनी पिनहाय पुनि पायन पलोटे जनु पीत परिधान पट लिपटे सुतीन्ह पैपुलकि प

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वसन्त घनाक्षरी छन्द

25 नवम्बर 2022
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पात पात पंकज पखेरू पवि पावन पे पीत पट पावनपटीन दुपटीन पैछाई पीतिमा है पग पग जग नग मग पादप पिपीलिका पुनीत पातकीन पैपैंजनी पिनहाय पुनि पायन पलोटे जनु पीत परिधान पट लिपटे सुतीन्ह पैपुलकि प

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वसन्त घनाक्षरी छन्द

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पात पात पंकज पखेरू पवि पावन पे पीत पट पावनपटीन दुपटीन पैछाई पीतिमा है पग पग जग नग मग पादप पिपीलिका पुनीत पातकीन पैपैंजनी पिनहाय पुनि पायन पलोटे जनु पीत परिधान पट लिपटे सुतीन्ह पैपुलकि प

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वसन्त घनाक्षरी छन्द

25 नवम्बर 2022
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पात पात पंकज पखेरू पवि पावन पे पीत पट पावनपटीन दुपटीन पैछाई पीतिमा है पग पग जग नग मग पादप पिपीलिका पुनीत पातकीन पैपैंजनी पिनहाय पुनि पायन पलोटे जनु पीत परिधान पट लिपटे सुतीन्ह पैपुलकि प

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वसन्त घनाक्षरी छन्द

25 नवम्बर 2022
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पात पात पंकज पखेरू पवि पावन पे पीत पट पावनपटीन दुपटीन पैछाई पीतिमा है पग पग जग नग मग पादप पिपीलिका पुनीत पातकीन पैपैंजनी पिनहाय पुनि पायन पलोटे जनु पीत परिधान पट लिपटे सुतीन्ह पैपुलकि प

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वर्षा ऋतु

26 नवम्बर 2022
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दादुर को शोर कहुॅ गावत चकोर मोर मेघन की कारी कारी कोर कोर देखि के प्रेम मे विभोर भूलि भेद तोर मेर केर करि किलकोर झूमैं हॅ

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