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प्रभात

24 नवम्बर 2022

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साहित्य मन्दाकिनी।     पभात वर्णन 
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निशिगते मुदिता अतिशोभिता प्रमुदिता बन कानन वल्लरी 
लसित पुष्प अनेक मनोहरा नवधरा नवरूप सहेजती 
 सरसि सरसिज श्वेत कुमोदिनी मुदित मन्थर गन्ध सुगन्ध ले
 दिग दिगन्त सुवास प्रसारती नव प्रभात सुवासित थी धरा 

सरसजे सरसिज मनसिज लजे विविध रंग मनोरम है छटा 
नयन कोर वसी सुषमा सुघर हर डगर हर हर घर है सजा
विहॅसती कर नाद नदी वहे मुखर मूक हृदय छल छल ध्वनी 
स्व गृह त्याग चली प्रिय गह जभी अमल नीर उछल कुछ तो कहे

वरण लोहित ताम्रमयी प्रभा विटप कानन के कमनीय थे
सरसतीं मनमोहक वीथियाॅ तरूलता बनभूमि प्रभामयी 
नदित नन्दन नादमयी ध्वनी गिरिशिखर मद को करती शमन 
धवल धाम धरार्णव प्रेयसी अति प्रशान्त निरन्तर वह रही

भ्रमर गुंजन से कर गुंजरित अविकिसिता नवयौवन सी लसित
विकलता द्विगुणीकृत नवकली स्फुटित हो बनबीच सरस रही 
धरणि भास्कर की नव रश्मियां अरूणिमा तरूणोदित हो गयीं
नव प्रभात लिये नव चेतना जगत चेतन श्रृष्टि समस्त थी

तल तलातल को करती विमल वह रही अति मन्द समीर थी 
दिग दिगन्त प्रभात प्रबात ले मधुर गन्ध सुगन्ध विखेरता
 रजत शुभ्र धवल नदनीर में स्वर्ण कान्ति सदृश लख रश्मियां 
 नव उमंग हृदय नव चेतना कर ग्रहण जड़ता त्यज मुक्त थी 

 विटप से नववेलि लिपट लगी हरित पत्र सुसज्जित प्रियतमा 
 नवनवांकुर पुष्पित पल्लवित भुजलता लिपटी जनु नववधू 
 विटप पर लसते शुक काक पिक लचकती लतिका लसती ललित 
 किरण भोर सुहावन पावनी मधुर कलरव से कर गुंजरित 

 लग रहा जनु पक्षि समूह भीभुवन भास्कर की कर आरती
 परम ईश महा जगदीश को कर नमन विरूदावलि वाॅचते 
  प्रखर पुंज प्रकाश प्रसारती गहनता तम की कुछ न्यून कर 
  निशि निविड नीड शयन किये उड चले शुक शावक स्नेह से

 सुघर घाट बना तट पर वसे रम रहे रमणीय रमा रमन 
 प्रसरता तप तेज गगन निरख सकल साधक वाहक ज्ञान के 
 नद नदी सर गंग उमंग सेतन मलिन धो धो करते हवन 
 भजन अर्चन पूजन हो मगन नंदन नन्दन का करते मनन 

आचार्य राममोहन मिश्र की अन्य किताबें

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रचनाएँ
आचार्य राममोहन मिश्र की डायरी
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ऑखों के असंख्य रंगों। को कविता के माध्यम से दर्शाया गया है प्रकृति की इस अनुपम देन को घनाक्षरी छन्दों के द्वारा वर्णित किया गया है आध्यात्मिक पुस्तकें 1, परशुरामर्चनम भगवान परशुराम की स्तुतियाॅ एवम प्रार्थनायें 2 रेणुकार्चनम मांगेगा की स्तुतियाॅ एवम प्रार्थनायें
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आडम्बर

24 नवम्बर 2022
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काव्य शास्त्र विनोदेन कालो गच्छति धीमताम _____________सत्ता की कुर्सी पर निगाह को गड़ाए जग सूझता न और कुछ सदियाँ छली गयींचाटुकार चापलूस धन पद के लालचियों कीबेटियाॅ जमीर बेच मुगलों संग चली गय

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प्रभात

24 नवम्बर 2022
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साहित्य मन्दाकिनी। पभात वर्णन __________________निशिगते मुदिता अतिशोभिता प्रमुदिता बन कानन वल्लरी लसित पुष्प अनेक मनोहरा नवधरा नवरूप सहेजती सरसि सरसिज श्वेत कुम

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ब्रह्मसन्धि। संध्या सुन्दरी

24 नवम्बर 2022
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जल्द मेघ समान कला कलित नयनकोर खिची रमणीय है अर्ध इंदु लसित नथनासिका कर्णफूल नक्षत्र लटक रहे प्रकृति की हॅसती खिलवेलियाॅ बनवसन परिधान हरीतिमा सज संवर नभ से जगमग सहम उतर

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ब्रह्मसन्धि। संध्या सुन्दरी

24 नवम्बर 2022
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जल्द मेघ समान कला कलित नयनकोर खिची रमणीय है अर्ध इंदु लसित नथनासिका कर्णफूल नक्षत्र लटक रहे प्रकृति की हॅसती खिलवेलियाॅ बनवसन परिधान हरीतिमा सज संवर नभ से जगमग सहम उतर

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शरद ऋतु

25 नवम्बर 2022
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जगत त्रस्त किरण रविताप से तप तपाकर तृप्त अतृप्त सी मनहरण शशिशीतसमा सुखद शरद व्योम धरा पर छा गयी सरसती सरसर वहती पवन अतिमनोज्ञ प्रशान्त सभीत सी हृदय तंत्र विमर्दित अंग सब जनु अनंग

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वसन्त

25 नवम्बर 2022
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परम शीतल स्नेह स्वरस सरस सर सरोवर शान्त सुगम घना अतिमना विमना निशि चंद्र लख कमलिनी कर केलि मुदित हुई जगत जिष्णु सहिष्णु हो उष्णजब भुवनभास्कर भोरउदित हुआ परम पावन पीतमयी किरण जगत श्रृष्ट

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वसन्त

25 नवम्बर 2022
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पात पात पंकज पखेरू पवि पावन पे पीत पट पावनपटीन दुपटीन पैछाई पीतिमा है पग पग जग नग मग पादप पिपीलिका पुनीत पातकीन पैपैंजनी पिनहाय पुनि पायन पलोटे जनु पीत परिधान पट लिपटे सुतीन्ह पैपुलकि प

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वसन्त

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पात पात पंकज पखेरू पवि पावन पे पीत पट पावनपटीन दुपटीन पैछाई पीतिमा है पग पग जग नग मग पादप पिपीलिका पुनीत पातकीन पैपैंजनी पिनहाय पुनि पायन पलोटे जनु पीत परिधान पट लिपटे सुतीन्ह पैपुलकि प

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वसन्त घनाक्षरी छन्द

25 नवम्बर 2022
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पात पात पंकज पखेरू पवि पावन पे पीत पट पावनपटीन दुपटीन पैछाई पीतिमा है पग पग जग नग मग पादप पिपीलिका पुनीत पातकीन पैपैंजनी पिनहाय पुनि पायन पलोटे जनु पीत परिधान पट लिपटे सुतीन्ह पैपुलकि प

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वसन्त घनाक्षरी छन्द

25 नवम्बर 2022
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पात पात पंकज पखेरू पवि पावन पे पीत पट पावनपटीन दुपटीन पैछाई पीतिमा है पग पग जग नग मग पादप पिपीलिका पुनीत पातकीन पैपैंजनी पिनहाय पुनि पायन पलोटे जनु पीत परिधान पट लिपटे सुतीन्ह पैपुलकि प

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वसन्त घनाक्षरी छन्द

25 नवम्बर 2022
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पात पात पंकज पखेरू पवि पावन पे पीत पट पावनपटीन दुपटीन पैछाई पीतिमा है पग पग जग नग मग पादप पिपीलिका पुनीत पातकीन पैपैंजनी पिनहाय पुनि पायन पलोटे जनु पीत परिधान पट लिपटे सुतीन्ह पैपुलकि प

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वसन्त घनाक्षरी छन्द

25 नवम्बर 2022
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पात पात पंकज पखेरू पवि पावन पे पीत पट पावनपटीन दुपटीन पैछाई पीतिमा है पग पग जग नग मग पादप पिपीलिका पुनीत पातकीन पैपैंजनी पिनहाय पुनि पायन पलोटे जनु पीत परिधान पट लिपटे सुतीन्ह पैपुलकि प

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वर्षा ऋतु

26 नवम्बर 2022
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दादुर को शोर कहुॅ गावत चकोर मोर मेघन की कारी कारी कोर कोर देखि के प्रेम मे विभोर भूलि भेद तोर मेर केर करि किलकोर झूमैं हॅ

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