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वसन्त

25 नवम्बर 2022

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परम शीतल स्नेह स्वरस सरस सर सरोवर शान्त सुगम घना 
अतिमना विमना निशि चंद्र लख कमलिनी कर केलि मुदित हुई 
जगत जिष्णु सहिष्णु हो उष्णजब भुवनभास्कर भोरउदित हुआ 
परम पावन पीतमयी किरण जगत श्रृष्टि चराचर भारती

बनघटा अतिरम्य प्रहर्षिणी कुसुम कानन के कमनीय थे
लग रहा है अनन्त दिगन्त में नव वसन्त प्रभा प्रमुदित हुई 
लस रही सरसों लगती धरा सरसती सर सरसिज की छटा 
क्षितिज पीत सुवर्णमयी घटा प्रकृति पीत पिताम्बर ओढ़नी 

नवपलास यहाॅ पर खिल गये लसित लोल लसीं लतिका विटप 
दहकते अंगार बरष बरष कर श्रंगार धरा तरू गुल्म सब
नवकली मकरंद मिलिंद कोविविध गन्ध सुगन्ध मदान्ध कर 
बन विटप विटपी अरू वीथियाॅ भ्रमर गुंजन गुंजित हो रहीं

अरूणिमोदित स्वर्णमयी किरण नव प्रभात प्रबात हरीतिमा 
दिग्दिगंत सुवास पलाश कीवस रही हर डाल गुलाल सी
सरस शावक सारस ध्वनि करें खिल गयी सरसों सब खेत की
वटुक ब्राह्मण पीत वसन धरे लग रहा ध्वनि वेद उचारते

कृषक भारत का कलरव मधुर सुन थका श्रम से रख हाथ शिर
शयन कर नद नींद समा गया नयन कोर वसा जग मूर्त सब
रंग गया जग पीत वसुन्धरा गगन पीत दिवाकर रशमियाॅ
नववधू सदृशी सज ये धरा स्वर्ण पीतसमा द्युति छा गयी




आचार्य राममोहन मिश्र की अन्य किताबें

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रचनाएँ
आचार्य राममोहन मिश्र की डायरी
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ऑखों के असंख्य रंगों। को कविता के माध्यम से दर्शाया गया है प्रकृति की इस अनुपम देन को घनाक्षरी छन्दों के द्वारा वर्णित किया गया है आध्यात्मिक पुस्तकें 1, परशुरामर्चनम भगवान परशुराम की स्तुतियाॅ एवम प्रार्थनायें 2 रेणुकार्चनम मांगेगा की स्तुतियाॅ एवम प्रार्थनायें
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आडम्बर

24 नवम्बर 2022
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काव्य शास्त्र विनोदेन कालो गच्छति धीमताम _____________सत्ता की कुर्सी पर निगाह को गड़ाए जग सूझता न और कुछ सदियाँ छली गयींचाटुकार चापलूस धन पद के लालचियों कीबेटियाॅ जमीर बेच मुगलों संग चली गय

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प्रभात

24 नवम्बर 2022
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साहित्य मन्दाकिनी। पभात वर्णन __________________निशिगते मुदिता अतिशोभिता प्रमुदिता बन कानन वल्लरी लसित पुष्प अनेक मनोहरा नवधरा नवरूप सहेजती सरसि सरसिज श्वेत कुम

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ब्रह्मसन्धि। संध्या सुन्दरी

24 नवम्बर 2022
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जल्द मेघ समान कला कलित नयनकोर खिची रमणीय है अर्ध इंदु लसित नथनासिका कर्णफूल नक्षत्र लटक रहे प्रकृति की हॅसती खिलवेलियाॅ बनवसन परिधान हरीतिमा सज संवर नभ से जगमग सहम उतर

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ब्रह्मसन्धि। संध्या सुन्दरी

24 नवम्बर 2022
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जल्द मेघ समान कला कलित नयनकोर खिची रमणीय है अर्ध इंदु लसित नथनासिका कर्णफूल नक्षत्र लटक रहे प्रकृति की हॅसती खिलवेलियाॅ बनवसन परिधान हरीतिमा सज संवर नभ से जगमग सहम उतर

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शरद ऋतु

25 नवम्बर 2022
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जगत त्रस्त किरण रविताप से तप तपाकर तृप्त अतृप्त सी मनहरण शशिशीतसमा सुखद शरद व्योम धरा पर छा गयी सरसती सरसर वहती पवन अतिमनोज्ञ प्रशान्त सभीत सी हृदय तंत्र विमर्दित अंग सब जनु अनंग

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वसन्त

25 नवम्बर 2022
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परम शीतल स्नेह स्वरस सरस सर सरोवर शान्त सुगम घना अतिमना विमना निशि चंद्र लख कमलिनी कर केलि मुदित हुई जगत जिष्णु सहिष्णु हो उष्णजब भुवनभास्कर भोरउदित हुआ परम पावन पीतमयी किरण जगत श्रृष्ट

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वसन्त

25 नवम्बर 2022
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पात पात पंकज पखेरू पवि पावन पे पीत पट पावनपटीन दुपटीन पैछाई पीतिमा है पग पग जग नग मग पादप पिपीलिका पुनीत पातकीन पैपैंजनी पिनहाय पुनि पायन पलोटे जनु पीत परिधान पट लिपटे सुतीन्ह पैपुलकि प

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वसन्त

25 नवम्बर 2022
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वसन्त घनाक्षरी छन्द

25 नवम्बर 2022
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वसन्त घनाक्षरी छन्द

25 नवम्बर 2022
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वसन्त घनाक्षरी छन्द

25 नवम्बर 2022
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वसन्त घनाक्षरी छन्द

25 नवम्बर 2022
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वर्षा ऋतु

26 नवम्बर 2022
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दादुर को शोर कहुॅ गावत चकोर मोर मेघन की कारी कारी कोर कोर देखि के प्रेम मे विभोर भूलि भेद तोर मेर केर करि किलकोर झूमैं हॅ

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