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बचपन की मस्ती

10 अगस्त 2022

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लिखने का शौक मुझे बचपन से ही था । मैने कविताएँ   लिखने की कोशिश  की ।

  दिल की कलम से भावनाओ  के मोती समाज के  समक्ष  प्रस्तुत  करने का प्रयास  करती हूँ।

शीर्षक-  मस्ती  बचपन वाली
सहजता थी, सादगी थी,बंदगी थी।
ये सोशल मीडिया और इंटरनेट नहीं था तो ज़िन्दगी थी
कच्चे  घरों मे सच्चे  दिल थे
बड़ी मौज मे कटती थी   जिंदगी
नानी के घर मे मस्ती का आलम
भजन  संध्या  करते  हुए सीखते अच्छे संस्कार  हम
वो बिजली गुल होते ही हल्ला मचाते
छत पर बिस्तर लगाते फिर मस्ती  मे मस्त होकर
अंताक्षरी गाते.....
माँ  को खुश  देखते हम जब वो
नानी से ढेरों बातें  करती उनकी गोद मे सिर रख
लेती।
  माँ  अपनी आँखों  मे बचपन की यादें समेट
लेती ।
पडोस  वाले  भी माँ  को मिलने आते
रिश्तो  की मिठास  चारो और फैल जाती जब
माँ  पडोसी  को भी चाचा कह कर परिचय करवाती।
चवन्नी  मिलती, नाना जी के पैर दबाने से।
खूब मजे से आइसक्रीम  खाते मामा जी के लाने से
मौसी देती मक्खन  वाले परांठे , दही,पकौडे
खाते।
हम
जिंदगी मे खेल कूद का मजा बड़ा ही  न्यारा  था।
कबूतरों को बाजरा  खाते देख झूमते गाते थे।
तोते के संग गाते गाते देख नानू  रटू
तोता कह के चिड़ाते थे।
नानी-दादी हमको कहानी सुना कर सुलाती थी।
पिताजी  की सीख हमारा आत्म  विश्वास  बढ़ाती थी।
काश ! आज की पीढ़ी  जिंदगी  का वो स्वाद चख पाती।

आकांक्षा रूपा चचरा
पद- शिक्षिका, लेखिका,वरिष्ठ  कवियत्री, समाज सेविका
सम्प्रति -  लखनऊ  पत्रिका--की मुख्य  सलाहकार, ब्यूरो चीफ
कार्यरत्त--- गुरू नानक पब्लिक स्कूल कटक ओडिशा मे शिक्षिका 

प्रकाशित कृति - आकांक्षा  के मुक्त, डा॰ पूर्ण नन्दा ओझा की जीवनी ,अनवरत साझा संकलन,अरुणोदय त्रैमासिक  पत्रिका मे साझा संकलन।
सम्मान - कनाडा से साहित्य रथी  सम्मान, काव्य श्री सम्मान,  नारी अस्मिता सम्मान ( महाराष्ट्र)
लखनऊ- काव्य रथी सम्मान
देवरिया उत्तरप्रदेश-साहित्य शक्ति संस्थान
संयोजक
पता या संपर्क - कटक ओडिशा






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