इस पुस्तक के माध्यम से मेंने अपनी बचपन की यादों को पाठकों के समक्ष प्रस्तुत किया है।इसमें बचपन की खट्टी - मीठी यादों को शब्दों के माध्यम से दर्शाया गया है।इस संस्मरण के माध्यम से बाल मनोभाव को प्रकट किया गया है।इसमें एक ओर तो बच्चों की शरारतों और मौज- मस्ती को दिखाया गया है वही दूसरी ओर यह बताया गया है कि बच्चे अपने भावों को प्रकट नहीं कर पाते अतः उन्हें और उनकी भावनाओं को समझने का प्रयत्न करना चाहिए।