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बेटे को सिखाएं

18 अगस्त 2022

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नमस्कार


आइए आज हम अपने बेटों को कुछ अच्छी बातें सिखाने का प्रयास करें, बेटों को इसलिए कह रहा हूं क्योंकि मेरा मानना है कि अगर बेटे अच्छे और संस्कारी हो जाएं तो दुनिया भर की अधिकांश समस्याएं तो पैदा ही नहीं होंगी, आप खुद सोचिए कि हर रोज होने वाले अपराधों और गलत कामों में बेटे ही शामिल पाए जाते हैं चाहे वो हमारे हों, आपके हों अथवा किसी और के।


आपने कभी सुना है कि किसी छेड़छाड़ में, किसी बलात्कार की घटना में, किसी विवाहेत्तर संबंधों के मामलों में, घरेलू हिंसा की किसी घटना में, चोरी, लूट और डकैती की घटनाओं में, जरा जरा सी बात पर अपना आपा खो देने और खून खराबा करने के मामलों में कभी किसी लड़की का नाम आया है, और हां याद रहे कि हम यहां सामान्य तौर पर चर्चा कर रहे हैं, अपवाद तो हर जगह होते हैं।


यह तो आप भी स्वीकार करेंगे कि हमारे परिवारों में लड़कों को शुरू से ही कुछ ज्यादा छूट दी जाती रही है, बेटियों को दबा कर रखने और बेटों को शह देने के काम में ज्यादा महारत मांओं को हासिल होती है और इसका परिणाम भी उनको ही अधिक भुगतना पड़ता है।


अगर हम ऐसी परिस्थितियों से उबरना चाहते हैं तो हमें बेटों के बालपन से ही प्रयास करने होंगे, हमें सबसे पहले तो बेटो और बेटियों में अंतर करना छोड़ना होगा, और हमें अपने बेटों को.......


अच्छे संस्कार देने होंगे।


घर के कामकाज में उनसे मदद लेते हुए उन्हें हर उस काम में पारंगत करना होगा जिसे अधिकांश घरों में लड़कियों का ही कार्य और जिम्मेदारी समझी जाती है।


उन्हें लड़कियों के साथ अच्छा व्यवहार करने उनका आदर और सम्मान करने के बारे में सिखाने के साथ साथ कभी भी कहीं पर भी मुसीबत में फंसी लड़कियों की हर संभव मदद करने की समझाइश देनी होगी।


बेटों के मित्रों के बारे में समय समय पर जानकारी लेते रहना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो कि वो किसी गलत अथवा आपराधिक गतिविधियों में लिप्त व्यक्ति की संगत में तो नहीं है।


उन्हें धूम्रपान, मदिरा और अन्य नशीले पदार्थों का सेवन करने से होने वाले दुष्परिणामों के बारे में जानकारी देते हुए उनसे दूर रहने के बारे में समझाने की कोशिश करनी चाहिए।


बेटों के अंदर उनकी प्रतिभा और रुचि के अनुसार हॉबी जैसे संगीत, पढ़ाई,लेखन, बागवानी, कसरत आदि को अपनाने में सहायता करनी चाहिए।


कभी भी भूल कर भी बेटों की किसी गलत/नाजायज हरकत को न तो सहन करें और न ही प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए।


बेटों के बड़े और विवाह योग्य हो जाने पर उन्हें विवाह के महत्व, अपने जीवन साथी के सम्मान, उसके साथ अनुकूल व्यवहार किए जाने आदि के बारे में उपयुक्त जानकारी दी जानी चाहिए।


आज इतना ही, आपके कमेंट्स का इंतजार रहेगा......


विनय बजाज

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