10 दिसम्बर 2021
56 फ़ॉलोअर्स
WriterD
👍
30 दिसम्बर 2021
बढिया
28 दिसम्बर 2021
बढ़िया
27 दिसम्बर 2021
<div>क्या बात है रत्ना मौसी, आपने गौर किया! मां आज कितनी परेशान लग रही है, देखा आपने। </div><di
<div>अचानक 5:00 बजे स्वीकृति की नींद खुल गई। नींद खुलते ही वह हडबडाती हुई उठ बैठी। </div><div>अ
<div>मौसी नाश्ता लगा दो बहुत तेज भूख लगी है। तुमने नाश्ता कर लिया क्या? नहीं किया हो तो जल्दी से आ ज
<div>वृंदा और तुलसी दोनों बचपन की सहेलियां थी। एक साथ पली-बड़ी। स्कूल में भी एक ही साथ पढ़ने जाना, ब
<p>अब तक आपने पढ़ा रत्ना स्वीकृति को प्रांजल के जीवन में आए उथल-पुथल के बारे में बता रही थी। अब आगे-
इन कठिन परिस्थितियों में भी माॅं प्रांजल को खरी-खोटी सुनाने में कभी पीछे ना रहती। किराए के मकान में
<div>प्रांजल को कभी भी मौका नहीं मिला कि किसी भी तरह उसकी मां की नाराजगी दूर हो जाए। वैसे तो वह सदा
<div><div>जैसे तैसे हमने माॅं को मना लिया। मुंबई के पॉश इलाके में किराए का मकान भी आसानी से मिल चुका
<div>माॅं और वृंदा आंटी ने अपनी गर्भावस्था के समय ही एक दूसरे से वादा किया था। वे अपने बंधुत्व को रि
<div>पिता की मर्जी के आगे प्रांजल ने अपने घुटने टेक दिए। वो कुछ ना बोल पाई। लेकिन यकायक पिता के इस फ
<div> कुछ दिनों में ही प्रांजल की उच्च माध्यमिक परीक्षा का परिणाम निकल आया
स्थितियां पटरी पर आने लगी। यह सब देखने भर के लिए था। लेकिन पिताजी शायद लोभ से उबर नहीं पाए थे। उनके
प्रांजल की हालत मुझसे देखी ना जाती। एक दिन मैंने उससे हाथ जोड़कर क्षमा याचना की। प्रांजल तुम्हारे इन
इसी बीच वृंदा आंटी की तरफ से प्रस्ताव आया कि आप स्वप्निल और प्रांजल का विवाह करवा दीजिए। हम प्
<div>कुछ महीनों के अंतराल में प्रांजल की गोद में एक नन्ही सी कली मुस्कुरानें लगी। इस मधुर मुस्कान के