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भाग 2

12 नवम्बर 2021

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अब तक हमने पढ़ा की.... साक्षी और राम अपने बेटे प्रतिक की शादी की तैयारी जोरों शोरो से कर रहे थे.... प्रतिक की बहन प्राशी भी अमेरिका से अपने पति विक्रम और बेटे युवराज के साथ अपने घर आ चुकी थी.... लेकिन प्रतिक खुद अभी तक नहीं आया था..... अब आगे...... 

साक्षी सभी को भीतर अपने अपने कमरे दिखाने ले गई.... रामु काका ने सब का सामान उनके कमरों में व्यवस्थित करके रखा और सभी के लिए चाय नाश्ते का इंतजाम करने में लग गए ....। 

वही राम बाहर बगीचे मे टहलते हुए प्रतिक को फोन लगाते हैं....।।।। 
राम:- प्रतिक.... कहाँ पहुंचे बेटा...!! तुम्हारी माँ राह देख रही हैं...।।।।। 

प्रतिक:- पापा मम्मा कहाँ हैं उनकों फोन दिजिए.... मुझे कुछ बात करनी हैं...।।। 

राम:- क्या हुआ बेटा.... कोई प्रोब्लेम हैं क्या❓❓

प्रतिक:- मम्मा को फोन दिजिए ना पापा प्लीज....।।। 

राम:- हां... रुको देता हूँ... 

( राम भीतर गया और साक्षी को फोन दिया...) 

साक्षी:- क्या हुआ बेटा सब ठीक तो हैं ना...?? 

प्रतिक:- मम्मा मुझे प्रिति से शादी नहीं करनी... मैं नहीं आ रहा वहाँ...।।

 साक्षी:- ये तु क्या बकवास कर रहा हैं प्रतिक.... तेरा दिमाग तो खराब नहीं हो गया हैं.... तुम दोनों फिर से झगड़े हो क्या..?? 


(प्रतिक चुपके से घर के भीतर आता है और वहाँ खड़े सभी लोगों को चुप रहने का इशारा करता हैं... राम... प्राशी... विक्रम... रामु काका... सब चुपचाप प्रतिक के साथ हो जाते हैं...।।। ) 

साक्षी:- प्रतिक मैं कुछ पुछ रहीं हूँ तुझसे.. क्या हुआ हैं.... देखो बेटा... शादी कोई मजाक नही हैं... 

प्रतिक:- मैं जानता हूँ मम्मा... तभी तो कह रहा हूँ.... नहीं करनी शादी मुझे... अरे जो अभी से मेरी मम्मा के लिए गलत गलत बोलती हैं... वो बाद में क्या क्या करेगी...।।।। मम्मा कल को शादी के बाद वो आप पर हुक्म चलाने लगीं तो.... नहीं नहीं मुझे ऐसी लड़की से शादी करनी ही नहीं हैं....।। 

साक्षी:- बेटा... बात को समझ... वो सब में संभाल लुंगी बाद में.... प्लीज बेटा....।।।।। तु घर आ फिर बात करते हैं ना हम आराम से बैठकर... 

प्रतिक:- ठीक हैं मम्मा तुम कहतीं हो तो आ जाता हूँ...।।।। 

ऐसा कहते ही प्रतिक फोन रखता हैं...।।। 

साक्षी भी फोन रखकर जैसे ही पलटती हैं....प्रतिक के साथ वहाँ खड़े सभी लोग जोर जोर से हंसने लगते हैं.... 

साक्षी:- प्रतिक.... तु..... तो ये सब मजाक कर रहा था.... 

प्रतिक हंसते हुए:- कैसी रही...  होने वाली सासु माँ....... 

साक्षी:- तुझसे तो मैं बाद में निपटती हूँ... पर आप सब भी इसमें शामिल हो गए....।।।। मुझे कितनी टेंशन हो गई थी कुछ अंदाजा भी हैं तुम सबको...।।। 

और प्राशी तु भी... इसके साथ आते ही मिल गई.... जमाई जी आप भी....।।।। 

प्रतिक:- अरे मम्मा... मेरी शादी में आए हैं तो मेरी हां में हां तो मिलाएंगे ना.... 

प्रतिक की बात सुन सभी मस्ती करने लगे....। 

घर के नौकर चाकर भी सभी प्रतिक के ऐसे व्यवहार को बहुत पसंद करते थे...।।। 
प्रतिक सबका चहेता था...।।। इतना पैसा और रुतबा होने के बाद भी उसमें जरा सा भी अभिमान नहीं था... घर में रहने वाले हर शख्स की परवाह करता था...।।।। 

गठीला बदन...भूरी आंखें.... हल्के भूरे रंग के बाल... रंग एकदम चमकता हुआ... दिखने में भी प्रतिक किसी फिल्मी हिरो से कम नहीं लगता था...।।। अपनी माँ के साथ हमेशा ऐसे ही मस्ती करता रहता था...।।।। प्रतिक और प्रिति दोनों कालेज से एक दूसरे को जानते थे.... साथ साथ पढ़े... साथ ही एक कम्पनी में नौकरी की.... फिर प्रतिक ने अपना बिजनेस चालू किया और उसमें प्रिति को बतौर एसिसटेंट काम दिया.... साथ पढ़ते... नौकरी करते... एक जगह काम करते करते... दोनों को कब एक दूसरे से प्यार हो गया... पता ही नहीं चला...।।।। प्रिति के पेरेंट्स पैसे में कम थें पर प्रतिक के पेरेंट्स को इससे कोई आपत्ति नहीं थी.. उन्होंने प्रतिक की खुशी को तवज्जो दी और दोनों की शादी तय कर दी...।।।। प्रिति और प्रतिक के बीच कभी भी कोई कहासुनी या झगड़ा होता तो साक्षी अक्सर दोनों को समझाया करतीं थीं और दोनों को मना लेती थी..... इसलिए आज प्रतिक के मजाक को भी उसे ऐसा ही लगा....।।।।। 




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ख्वाहिशें उड़ने की....
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औरत.....ऊपरवाले का बनाया हुआ एक नायाब किरदार... लेकिन आज तक औरत को कोई समझ नहीं पाया हैं... क्योंकि किसी ने दिल से कभी कोशिश की ही नहीं हैं.... औरत पर व्यंग्य करना.... चुटकुले बनाना ... हंसी मे हर बात उड़ाना तो बहुत आसान हैं..... पर क्या कभी उसे समझने की.... सुनने की.... कोशिश की गई....!!!!!!!!

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