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Part 1....

27 अक्टूबर 2021

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अरे कमला..... जल्दी जल्दी हाथ चला... कितना काम पड़ा है अभी..... जल्दी कर....।। 
हे भगवान.... यहाँ तो अभी कुछ भी नहीं हुआ हैं.... रामु काका.. ओ रामु काका..... अरे कहाँ मर गए सब के सब....अभी तक बरामदे में फूल नहीं बिछे हैं..... मेन दरवाजा अभी तक ऐसे ही खाली रखा है.... अरे कब पूरा करेंगे सब काम बहू के आने के बाद....।।। एक काम ठीक से नहीं होता हैं तुम लोगों से.... अरे इतनी पगार क्या हराम की लेते हो....।।।। 
मेमसाब.....आप चिंता मत किजिए सब काम मैं खुद देख रहा हूँ.. सब कुछ समय पर हो जाएगा.... आप बेफिक्र रहिये....।।।। 

अरे कैसे बेफिक्र रहूँ..... मुझे तो टेंशन होने लगी हैं अभी कितना सारा काम बाकी हैं अभी....।।। 

अपने बेटे की शादी में इतना भी मत खो जाइए मैडम की अपने पति को ही भूल जाओ...... अचानक पीछे से आई आवाज पर साक्षी का ध्यान गया.....।।। 
साक्षी:- अरे आप अभी बाहर क्यूँ आए हैं.... आपको डाक्टर ने आराम करने को कहा हैं ना... जाइये जाकर आराम किजिए.... मैं सब संभाल लूंगी....। 
राम:- जानता हूँ तुम सब संभाल लोगी..... लेकिन इतनी चिंता भी मत करो.... घर में इतने नौकर हैं... वो देख लेंगे सब.... तुम अपना भी ख्याल रखो..। 
साक्षी:- तुम तो जानते हो राम इस दिन के लिए हम दोनों कबसे आस लगाए बैठे थे... बस एक बार प्रतिक की शादी अच्छे से हो जाए फिर हम आजाद हो जाएंगे...।।। ऊपरवाले की दुआ से हमारी बेटी भी अपने घर खुश हैं.. हम अपनी हर जिम्मेदारी से फिर हमेशा के लिए फ्री हो जाएंगे....। 
राम साक्षी को गले से लगाकर गार्डन की ओर चलते हुए:- अरे जैसे बेटी की शादी हो गई.... वैसे बेटे की भी हो जाएगी... और सब अच्छा ही होगा तुम इतना टेंशन मत लो....। 
साक्षी:- वो सब तो ठीक हैं राम पर ये प्राशी अभी तक आई क्यूँ नहीं... उसने तो कहा था.... सवेरे जल्दी आ जाएगी....।।।। अभी तक तो उसकी फ्लाइट भी आ गई होगी...। मैं अभी उसे फोन लगाकर देखती हूँ...। 
कोई जरूरत नहीं हैं मम्मी जी फोन लगाने की आपकी बेटी को सही सलामत ले आया हूँ... पीछे से आई आवाज पर... राम और साक्षी ने पलटकर देखा तो प्राशी अपने पति (विक्रम)और बेटे... युवराज के साथ खड़ी थीं...। 
प्राशी दौड़ती हुई साक्षी और राम के गले लग गई....। 
प्राशी:- आइ लव यू मम्मा पापा.... आइ रियली मिस यू... दो साल बाद आपसे ऐसे गले मिल रही हूँ...।।।। 
साक्षी:- आइ लव यू टू बेटा..।।। तेरी ही ख्वाहिश थी अमेरिका में जाकर बसने की.... हमने तो उस वक़्त कितना समझाया था तुझे... लेकिन नहीं....।।। 
राम:- अब बस भी करो... बेटी के आते ही फिर से सब शुरू मत करो.... हमारी बच्ची खुश हैं ना बस...उसकी ख्वाहिश पुरी हो गई वो मायने रखता हैं.....। अभी सब को अंदर लेकर चलो.... मैं प्रतिक को फोन करके देखता हूँ वो कब तक पहुँच रहा हैं...। 
प्राशी:- क्या दूल्हे मिंया अभी तक आए नहीं हैं... और हम बराती पहले पहुँच गए ऐसा....।।। 
प्राशी की बात सुनकर सभी कहकहे लगाकर हंसने लगे...।। 
साक्षी:- दूल्हा भी आ जाएगा... तुम सब अंदर चलकर तब तक फ्रेश हो जाओ मैं तुम्हारे नाश्ते का इंतजाम करतीं हूँ.... आइये जवाई बाबु....।।। रामु काका बिटिया का सारा सामान उनके कमरे में रखवाईये और उनके नाश्ते की व्यवस्था किजिए...। 
नानी मेरी खीर मत भूल जाना... युवी ने बड़ी ही मासुमियत से कहा...। 
साक्षी:- अरे आपकी खीर तो आपकी नानी खुद अपने हाथों से बनाएगी...।। आप पहले नहा तो लिजीए.... छोटे युवराज जी...।। 
युवी:- क्या नानी... नहाना भी पड़ेगा क्या...!!! 
युवी की मासुमियत पर सभी मुस्कुराने लगे...। 
प्रान्जलि काव्य

प्रान्जलि काव्य

अच्छी कहानी

3 नवम्बर 2021

Diya Jethwani

Diya Jethwani

3 नवम्बर 2021

शुक्रिया जी

Dinesh Dubey

Dinesh Dubey

बहुत अच्छा लिखा है आपने,

28 अक्टूबर 2021

Diya Jethwani

Diya Jethwani

28 अक्टूबर 2021

शुक्रिया जी... 🤗

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रचनाएँ
ख्वाहिशें उड़ने की....
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औरत.....ऊपरवाले का बनाया हुआ एक नायाब किरदार... लेकिन आज तक औरत को कोई समझ नहीं पाया हैं... क्योंकि किसी ने दिल से कभी कोशिश की ही नहीं हैं.... औरत पर व्यंग्य करना.... चुटकुले बनाना ... हंसी मे हर बात उड़ाना तो बहुत आसान हैं..... पर क्या कभी उसे समझने की.... सुनने की.... कोशिश की गई....!!!!!!!!

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