नेता जी सुभाष चन्द्र बोस
*२०*
इक अकेले सुभाष ने,
बना ली नयी फौज।
डरते उनसे थे सभी,
देखो कितना ओज।।
*२१*
नेता तो बस एक है,
सुभाष वीर महान।
उनके साहस को सदा,
माने सकल जहान।।
*२२*
नमन करे हम तो सभी,
उनको बारम्बार।
नेता सुभाष जी यहां,
लेवे फिर अवतार।।
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*२३*
*बिषय- गणतंत्र*
भारत का गणतंत्र है,
समस्त विश्व महान।
बाबा साहब ने दिया,
अनौखा संविधान।।
*२४*
भारत में सबसे बड़ा,
लागू है गणतंत्र।
अपने शासन चयन में,
जनता हुई स्वतंत्र।।
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बिषय-पुरस्कार
*२५*
सच्चे दिल से दें दुआ,
वही है पुरस्कार।
पीठ खुजा इक दूसरे,
ये सब है बेकार।।
*२६*
पुरस्कार अब बिक रहे,
बोली लगती पाय।
लेने वाले खूब है,
लाइन बढ़ती जाय।।
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बसंती दोहा
*२६*
मां सरस्वती का करो
बसंत पंचमी ध्यान।
उनके ही परताप से,
होगा फिर कल्याण।।
*२७*
बसंत तो बिखरा पड़ा,
देखो अपने पास।
मन की आंखे चाइए,
आया है मधुमास।।
*२८*
बंसत रितु का आगमन,
धरती कर श्रृंगार।
राह देखती क्षितिज का,
प्रेम लेत आकार।।
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#प्रेम
*२९*
प्रेम करो ऐसा करो,
मीरा सा हो ध्यान।
आयेंगे दौड़े चले ,
मुरलीधर भगवान।।
*३०*
प्रेम हृदय प्रतिबिंब है,
मन के भाव जगाय।
इक दूजे के साथ में,
हर्षित हृदय समाय।।
*३१*
बगिया तो महके सदा,
ये फूलों का काम।
मधुप प्रेम करता उसे,
होता क्यों बदनाम।।
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बिषय- विज्ञान
*३२*
विज्ञान तो वरदान है,
करो सही उपयोग।।
गलत दिशा में जो चले,
दे जायेगा रोग।।
*३३*
फूल और कांटे लिए,
अनौखा है विज्ञान।
संभल संभल के तुम चलो।
देता है यह ज्ञान।।
*३४*
अविष्कार की होड़ में,
तवाह हो रहे इंसान।
सुविधाएं दे दी सभी,
है खतरे में जान।।
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*३५*
ॠषि मुनियों ने है दिया,
पुष्कर यहां विमान।।
सदा रहा सिरमौर है,
भारत विश्व महान।।
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बिषय- महिला/नारी
*३६*
महिला रुप अनेक है,
करो सभी का मान।
मां,बेटी,पत्नी भली,
देवी मात समान।।
*३७*
नारी के सम्मान का
रखो हमेशा ध्यान।
उनके ही सहयोग से,
इक दिन बने महान।।
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*बिषय- गागर में सागर*
*३८*
गागर में सागर भरे,
ये दोहे अनमोल।
जय बुंदेली समूह है,
अहम निभाता रोल।।
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बिषय-"सेवा"
*३९*
निर्धन की सेवा करे,
मिले बहुत सा प्यार।
उनके ही आशीष से,
सुखी रहे परिवार।।
*४०*
सेवा ऐसी कीजिए,
जो बन जाये मिसाल।
जन्म दिवस पर बांटिए,
धन,कंबल और शाल।।
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दोहाकार-
-राजीव नामदेव राना लिधौरी, टीकमगढ़