बिषय- विवाह
१
धूमधाम से हो रहे,
ये विवाह संस्कार।
बराती नाच गा रहे,
करे खूब श्रृंगार।।
२
विवाह के सह भोज में,
होता गिद्धाचार।
कोई को मिलता नहीं,
कोई रखे अपार।।
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बिषय- सम्वेदना
३
सम्वेदना दिल में रखो,
तभी मिलेगा प्यार।
दुश्मन भी बन जायेगा,
अपना पक्का यार।
४
जिसमें हो सम्वेदना,
वह मानव कहलाय।
मानव गुण ये श्रेष्ठ है,
कोई तो समझाय।।
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बिषय- मंहगाई
५
मंहगाई सुरसा हुई,
जनता है बेहाल।
अफसर की चांदी हुई,
नेता मालामाल।।
६
मंहगाई की मार है,
पड़ती चारों ओर।
आमजन परेशान है,
मिले नहीं अब छोर।।
***
*तरंग*
७
रचना बनती तब नयी,
मन में उठत तरंग।
साहित्य कि बगिया खिले,
कविता रंग बिरंग।।
*८*
तुम तैयार सदा रहो,
जब भी उठे तरंग।
अगर कलम चलती नहीं,
लग जायेगी जंग।।
***
*नया साल*
*९*
नये साल का कर रहे,
स्वागत है श्रीमान।
यश कीरत सम्मान हो,
होवे सब धनवान।।
*१०*
नये साल में कर रहे,
बिनती ये इंसान।
कोरोना का नाश हो,
हे ईश्वर, भगवान।।
*११*
कोरोना के काल में,
मना रय नया साल।
संकट अभी टला नहीं,
कैसे हो खुशहाल।।
*१२*
मास्क लगाएं चेहरे,
आंखे करती बात।
नये साल में नाचते,
बीती सारी रात।।
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दोहा बिषय- स्वागत*
*१३*
स्वागत करते पटल पे,
आप सभी का यार।
खूब मेहनत कर रहे,
हो नव सृजन अपार।।
*१४*
शब्द ज्ञान प्रतियोगिता,
लेकर हम है आय।
नये शब्द है ढूंढ़ के,
सम्मान पाते जाय।।
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*प्रशंसा*
*१५
करो प्रशंसा खूब ही,
बड़ा करे जो काम।
वो भी खुश हो जात है।
लेगा फिर वह नाम।।
*१६*
काम सदा ऐसे करो,
जग में होवे नाम।
सभी प्रशंसा फिर करे,
मिलते है फिर दाम।।
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बिषय- समस्या
*१७*
विकट समस्या आ गयी,
कैसे होत निदान।
कोरोना मिटवे नहीं,
आफत में है जान।।
*१८*
बर्ड फ्लू और आ गया,
समस्या है विशाल।
मुर्गा-मुर्गी मर रहे,
मानव है बेहाल।।
*१९*
समस्या से जो न डरे,
वो आगे बढ जाय।
ईश्वर पर विश्वास से,
हर विपदा टल जाय।
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-राजीव नामदेव
राना लिधौरी
टीकमगढ़ (मप्र)
मोबाइल-9893520965