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भाग-२

15 नवम्बर 2021

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बिषय- विवाह

धूमधाम से हो रहे,

ये विवाह संस्कार।

बराती नाच गा रहे,

करे खूब श्रृंगार।।

विवाह के सह भोज में,

होता गिद्धाचार।

कोई को मिलता नहीं,

कोई रखे अपार।।

****

बिषय- सम्वेदना

सम्वेदना दिल में रखो,

तभी मिलेगा प्यार।

दुश्मन भी बन जायेगा,

अपना पक्का यार।

जिसमें हो सम्वेदना,

वह मानव कहलाय।

मानव गुण ये श्रेष्ठ है,

कोई तो समझाय।।

***

बिषय- मंहगाई

मंहगाई सुरसा हुई,

जनता है बेहाल।

अफसर की चांदी हुई,

नेता मालामाल।।

मंहगाई की मार है,

पड़ती चारों ओर।

आमजन परेशान है,

मिले नहीं अब छोर।।

***

*तरंग*

रचना बनती तब नयी,

मन में उठत तरंग।

साहित्य कि बगिया खिले,

कविता रंग बिरंग।।

*८*

तुम तैयार सदा रहो,

जब भी उठे तरंग।

अगर कलम चलती नहीं,

लग जायेगी जंग।।

***

*नया साल*

*९*

नये साल का कर रहे,

स्वागत है श्रीमान।

यश कीरत सम्मान हो,

होवे सब धनवान।।

*१०*

नये साल में कर रहे,

बिनती ये इंसान।

कोरोना का नाश हो,

हे ईश्वर, भगवान।।

*११*

कोरोना के काल में,

मना रय नया साल।

संकट अभी टला नहीं,

कैसे हो खुशहाल।।

*१२*

मास्क लगाएं चेहरे,

आंखे करती बात।

नये साल में नाचते,

बीती सारी रात।।

****

दोहा बिषय- स्वागत*

*१३*

स्वागत करते पटल पे,

आप सभी का यार।

खूब मेहनत कर रहे,

हो नव सृजन अपार।।

*१४*

शब्द ज्ञान प्रतियोगिता,

लेकर हम है आय।

नये शब्द है ढूंढ़ के,

सम्मान पाते जाय।।

****

*प्रशंसा*

*१५

करो प्रशंसा खूब ही,

बड़ा करे जो काम।

वो भी खुश हो जात है।

लेगा फिर वह नाम।।

*१६*

काम सदा ऐसे करो,

जग में होवे नाम।

सभी प्रशंसा फिर करे,

मिलते है फिर दाम।।

***

बिषय- समस्या

*१७*

विकट समस्या आ गयी,

कैसे होत निदान।

कोरोना मिटवे नहीं,

आफत में है जान।।

*१८*

बर्ड फ्लू और आ गया,

समस्या है विशाल।

मुर्गा-मुर्गी मर रहे,

मानव है बेहाल।।

*१९*

समस्या से जो न डरे,

वो आगे बढ जाय।

ईश्वर पर विश्वास से,

हर विपदा टल जाय।

***

-राजीव नामदेव
राना लिधौरी

टीकमगढ़ (मप्र)

मोबाइल-9893520965 

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रचनाएँ
राना दोहा शतक
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कवि परिचय नाम :-राजीव नामदेव ‘‘राना लिधौरी’’ जन्म-15.06.1972 (लिधौरा) माता-पिताः- श्रीमती मिथलेश,श्री सी.एल.नामदेव पत्नी एवं संतानः- श्रीमती रजनी नामदेव । संतान-कु.आकांक्षा एवं कु. अनुश्रुति शिक्षा :-बी.एस.सी.(कृषि),एम.ए.(हिन्दी),पी.जी.डी.सी.ए.(कम्प्यूटर) विधा :-कविता,ग़ज़ल,हायकू ,व्यंग्य,क्षणिका,लघुकथा,कहानी एंवं आलेख आदि। प्रकाशन :- 1.अर्चना (कविता संग्रह,1997) 2.रजनीगंधा (हायकू संग्रह 2008) 3-नौनी लगे बुदेली’ (विश्व का बुंदेली में लिखा पहला हाइकु संग्रह,2010) 4-राना का नज़राना (ग़ज़ल संग्रह) सन्- 2015 5- लुक लुक की बीमारी (बुन्देली गद्य व्यंग्य संग्रह)-2017 6-साहित्य वट वृक्ष-ई बुक (हिन्दी गद्य व्यंग्य संग्रह)-2018 7-‘सृजन’(संपादन) 8.आकांक्षा पत्रिका 9.‘संगम’ (संपादन) 10.अनुरोध (संपादन) 9.‘नागफनी का शहर (व्यग्ंय संकलन) 10.‘दीपमाला’(उपसंपादन) 11. जज़्बात(उपसंपादन) 12 ‘श्रोता सुमन’ (उपसंपादन) एवं राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में लगभग दो हज़ार रचनाओं का प्रकाशन, कवि-सम्मेलनांें एवं मुशायरों में शिर्कत। ग्यारह अप्रकाशित संग्रह । संपादक ः- ‘आंकाक्षा’ पत्रिका (सन् 2006 से आज तक) "अनुश्रुति" बुंदेली त्रैमासिक ई पत्रिका विशेष-अब तक ७८ ई बुक्स का संपादन एवं ई प्रकाशन प्रसारण ः-ई टी.व्ही.,दूरदर्शन,सहारा म.प्र.,आकाशवाणी छतरपुर,केन्द्र से प्रसारण। सम्मान ः-१८प्रदेशांे से १६० साहित्यिक सम्मान प्राप्त। तीन महामहिम राज्यपालों द्वारा सम्मानित। संप्रतिः-संपादक ‘आकांक्षा’ पत्रिका, अध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़ (सन् 2002 से आज तक) अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़, पता :-नई चर्च के पीछे,शिवनगर कालौनी,कुंवरपुरा रोड,टीकमगढ़ (म.प्र.) पिनकोड-472001 मोेबाइल ः-9893520965 E Mail- ranalidhori@gmail.com Blog - rajeevranalidhori.blogspot.com ********
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