*६१*
चक्र सुदर्शन जो चला,
हो गये असुर ढेर।
संत ऋषि मुनि प्रसन्न हो,
मना रहे सब खैर।।
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बिषय- तंबाखू
*६२*
तंबाकू इक है नशा,
लत खराब कहलाय।
नाश करे ये फेफड़ा,
खास-खास मर जाय।।
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६३*
तंबाकू है इक दवा,
गर थोड़ी सी खाय।
गैस,अपच होती नहीं,
दांत दर्द मिट जाय।।
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दोहा- "लाकडाउन-अनलाक"
*६४*
लाकडाउन तो खुल गया,
हो गय अब आजाद।
गिरमा तोडे जा रये, किसे करे फरियाद।।
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*६५*
बिना मास्क के घूमते, निर्भय होके आज।
कोरोना जो हो गया, मिले न कोइ इलाज।।
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बिषय- चंदन
*६६*
चंदन से वंदन करे, खुश हो शालिगराम।
तुलसी जी चंदन घिसे, तिलक लगावे राम।।
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*६७*
चंदन टीका है लगा, पंडित की पहचान।
इसकी खुशबू से सदा, महके सकल जहान।।
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*६८*
चंदन जैसा तुम बनो, महके भी किरदार।
सबके मीत बने रहो, होगी जय जयकार।।
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बिषय-रक्तदान ६९*
रक्तदान तुम कीजिए, मिले बहुत सम्मान।
दिल से फिर मिलती दुआ , बन जाये पहचान।।
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*७०*
रक्तदान से कुछ नहीं, होता है नुकसान।
दानवीर कहलात है, बच जाती इक जान।।
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बिषय-जामुन
*७१*
काले है तै क्या हुआ, है मीठे रसदार।
खाते जामुन रोज तो, होगे नहिं बीमार।।
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*७२* जामुन तो जामुन भला, गुठली भी दमदार।
सुगर बढ़ेगी फिर नहीं, रामवाण उपचार।।
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*हिन्दी दोहे बिषय- "रूप"*
*७३*
नारि रूप के जाल में, मत फसना तुम यार।
समय गया,पैसा गया, फिर भी मिला न प्यार।।
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*७४*
रुप सदा रहता नहीं, गुण ही आते काम।
कर्मो की पूजा यहां, स्वीकारें श्रीराम।।
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बिषय-अमृत
*७५*
दोहे रस वर्षा करे, अमृत के हो समान।
पढ़कर इनको है सभी, भूले सकल जहान।।
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*७६"
अमृत गंग का नीर है, स्वर्ग लोक पहुंचात।
भूत,पिशाच, मनुष्य को, तुरत मुक्ति मिल जात।।
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बिषय- गांव
*७७*
महानगर बनने लगे, अब तो सारे गांव।
ढूंढ़े से मिलती नहीं।
पेड़ों की अब छांव।।
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*७८*
परिवर्तन अब है गया, गांव वों में है आज।
सरपंचों के ठाट हैं, पटवारी का राज।।
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बिषय- महादेव
*७९*
महादेव महिमा महा, महाकाल,कहलात।
नंदी,गौरा, गणेश, गुण गाये न अघात।।
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*८०* कृपा हो महादेव जी, कष्ट हरो, हे नाथ।
नीलकंठ, जटाशंकर, कुण्डेश्वर में नाथ।।
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-राजीव नामदेव राना लिधौरी,
टीकमगढ़ (मप्र)